April 20, 2024

दिल्ली कैपिटल्स ने आईपीएल के आगामी सत्र के लिए वार्नर को कप्तान बनाया

दिल्ली कैपिटल्स ने आईपीएल के आगामी सत्र के लिए वार्नर को कप्तान बनाया
नयी दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया के अनुभवी बल्लेबाज डेविड वार्नर को ऋषभ पंत की गैरमौजूदगी में आगामी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) सत्र के लिए बृहस्पतिवार को दिल्ली कैपिटल्स का कप्तान नियुक्त किया गया।
टीम के नियमित कप्तान पंत कार दुर्घटना में लगी गंभीर चोट से उबर रहे हैं और वह 31 मार्च से शुरू होने वाले आगामी सत्र में टीम में वापसी नहीं कर पायेंगे।
भारतीय हरफनमौला अक्षर पटेल दिल्ली टीम के उप-कप्तान होंगे। उन्होंने पिछले सत्र में भी यह जिम्मेदारी निभाई थी।
दिल्ली कैपिटल्स ने भारत के पूर्व कप्तान और पूर्व बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) प्रमुख सौरव गांगुली को फ्रेंचाइजी का क्रिकेट निदेशक बनाने की घोषणा की। गांगुली इससे पहले भी 2019 सत्र के दौरान मेंटॅर की भूमिका में दिल्ली कैपिटल्स के साथ जुड़े रहे हैं।
यहां जारी विज्ञप्ति में वार्नर ने कहा,  ऋषभ दिल्ली कैपिटल्स के लिए एक शानदार कप्तान रहे हैं और हम सभी को उनकी कमी खलेगी। टीम प्रबंधन ने इस जिम्मेदारी के साथ मुझ पर जो विश्वास जताया है उस भरोसे के लिए मैं उन्हें शुक्रिया कहना चाहता हूं।
उन्होंने कहा,  इस फ्रेंचाइजी के साथ मुझे हमेशा घर जैसा महसूस हुआ है। मैं खिलाडिय़ों के प्रतिभाशाली समूह के नेतृत्व को लेकर काफी उत्साहित हूं।
पंत के चोटिल होने के बाद वार्नर का कप्तान बनना पहले से ही लगभग तय था। पंत 2021 से इस टीम का नेतृत्व कर रहे थे। वह दिसंबर में दिल्ली से रुडक़ी जाते समय कार दुर्घटना में गंभीर रूप से चोटिल हो गये थे। इसके बाद मुंबई में उनके घुटने की सफल सर्जरी हुई।
वार्नर भारत के खिलाफ मुंबई में शुक्रवार से शुरू होने वाली तीन मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला के लिए टीम में शामिल हैं। वह आईपीएल के सबसे सफल बल्लेबाजों में से एक हैं। उन्होंने 2009 के बाद से 13 सत्र के 162 मैचों में 5881 रन बनाए हैं। इस दौरान उनका औसत 42.01 और स्ट्राइक रेट 140.69 का रहा है। उन्होंने चार शतक और 55 अर्धशतक भी लगाए हैं।
वार्नर ने 2009 में दिल्ली की फ्रेंचाइजी (तब दिल्ली डेयरडेविल्स) से ही अपने आईपीएल सफर की शुरुआत की थी। वह 2013 में सनराइजर्स हैदराबाद से जुड़े और उनके नेतृत्व में टीम 2016 में चैम्पियन बनी।
यह 36 साल का बल्लेबाज 2022 में फिर से दिल्ली की टीम से जुड़ा। पिछले सत्र में वह दिल्ली कैपिटल्स के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे। उन्होंने पांच अर्धशतक और 48 के औसत से 432 रन बनाये थे। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 150.52 का रहा था।
इस बीच गांगुली भी दिल्ली कैपिटल्स की फ्रेंचाइजी से जुड़ कर रोमांचित दिखे। उन्होंने कहा,  पिछले कुछ महीनों में महिला टीम (दिल्ली कैपिटल्स) और प्रिटोरिया कैपिटल्स के साथ मेरा जुड़ाव शानदार रहा है। मैं आईपीएल के आगामी सत्र का इंतजार कर रहा हूं।
उन्होंने कहा, दिल्ली कैपिटल्स ने मेरे पिछले कार्यकाल के दौरान एक टीम के तौर पर अच्छा प्रदर्शन किया था।  उम्मीद है कि अगले कुछ महीनों में हम सभी का समय अच्छा बीतेगा।
दिल्ली कैपिटल्स की टीम अपने अभियान का आगाज़ लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ एक अप्रैल को करेगी।

टीम नेतृत्व को लेकर जज्बा खत्म हो गया था: कोहली ने 2021 के बाद आईपीएल कप्तानी छोडऩे पर कहा
नयी दिल्ली, । भारतीय टीम के दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2021 सत्र के बाद रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर (आरसीबी) के कप्तान का पद छोडऩे के अपने फैसले पर कहा कि उन्हें खुद से ‘भरोसा’ उठ गया था और इस काम के लिए उनका ‘जज्बा’ भी कम हो गया था।
कोहली की कप्तानी में आरसीबी की टीम 2017 और फिर 2019 में आईपीएल तालिका में सबसे नीचे रही थी । कोहली ने भारतीय टी20 टीम की कमान छोडऩे के बाद 2021 सत्र में आरसीबी की कप्तानी भी छोड़ दी थी। उनकी जगह दक्षिण अफ्रीका के फाफ डु प्लेसिस टीम के कप्तान बने थे।कोहली ने महिला प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) में यूपी वॉरियर्स के खिलाफ आरसीबी के मैच से पहले महिला टीम की खिलाडिय़ों से कहा, जिस समय मेरी कप्तानी का कार्यकाल समाप्त हो रहा था, ईमानदारी से कहूं तो मुझे खुद पर ज्यादा भरोसा नहीं था। इसे लेकर मेरे अंदर कोई जज्बा नहीं बचा था।
उन्होंने कहा,
वह हालांकि मेरा अपना नजरिया था, एक व्यक्ति के तौर पर मैं खुद से कह रहा था कि मैंने काफी उतार-चढ़ाव झेले हैं अब इसे और नहीं संभाल सकता हूं।
आरसीबी की टीम 2016 के बाद पहली बार 2020 में प्लेऑफ में पहुंची थी। टीम इसके अलगे दो सत्र में भी इसे दोहरने में सफल रही लेकिन खिताब नहीं जीत सकीं।उन्होंने कहा,  अगले सत्र (2020) में टीम में नये खिलाड़ी जुड़े, उनके पास नये विचार थे और यह एक और मौके की तरह था। वे काफी रोमांचित थे, व्यक्तिगत तौर पर हो सकता है कि मैं उतना उत्साहित नहीं था लेकिन उनकी सकारात्मक ऊर्जा से हम लगातार तीन साल प्लेऑफ में पहुंचे।
भारतीय टीम के इस पूर्व कप्तान ने कहा,  हम हर सत्र की शुरुआत उसी उत्साह के साथ करते हैं जो पहले था। मैं अब भी उत्साहित महसूस कर रहा हूं। टीम को सफलता दिलाना एक सामूहिक जिम्मेदारी है, अगर किसी के आत्मविश्वास में कमी होती है तो दूसरे खिलाड़ी उसका हौसला बढ़ाते हैं।कोहली ने 2021 टी20 विश्व कप के बाद भारत के टी20 कप्तान के रूप में पद छोडऩे का मन बना लिया था। बाद में उन्हें एकदिवसीय की कप्तानी से हटा दिया गया। उन्होंने इसके बाद टेस्ट टीम की कप्तानी भी छोड़ दी। भारतीय टीम से कप्तानी की भार से मुक्त होने के बाद उन्होंने आरसीबी के कप्तान पद को छोडऩे का फैसला किया।दिल्ली के इस 34 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा कि उनके करियर में ऐसे दौर आए जब उन्होंने असुरक्षा की भावना महसूस की और उन्होंने अपनी प्रतिष्ठा बचाने की कोशिश की।
उन्होंने कहा,  मैंने लंबे समय से खेल रहा हूं ऐसे में मुझे अच्छे प्रदर्शन को लेकर खुद को लगातार याद दिलाने की जरूरत होती हैं। यहां तक की टीम के युवाओं के पास भी नया नजरिया होता है। कई बार मैं दबाव में रहा हूं, मेरे अंदर भी असुरक्षा की भावना रही है। मैंने अपने प्रदर्शन को अपनी प्रतिष्ठा से जोडऩे की कोशिश की है। मैं खुद से कहता था कि ‘ओह, मैं विराट कोहली हूं, मुझे हर मैच में प्रदर्शन करना है। मैं आउट होने का जोखिम नहीं उठा सकता’।उन्होंने कहा,  लेकिन युवा खिलाड़ी मेरे पास आकर पूछते थे कि ‘अपने गेंद को हिट क्यों नहीं किया?’ तब मुझे भी लगता था कि ‘वे सही है’। मैं मैदान में इसके बारे में सोच ही नहीं पाया क्योंकि मेरे दिमाग में कुछ और बातें चल रही थी। मैं सोचता था कि लोग मेरी बल्लेबाजी को कैसे देख रहे है ऐसे में कई बार अपना नैसर्गिक खेल भूल जाता था।