नई शिक्षा नीति: शिक्षा सत्र शुरू, नहीं पहुंची विद्यालयों में पुस्तकें
बागेश्वर। एससी, एसटी शिक्षक एसोसिएशन की यहां आयोजित बैठक में विद्यालयों में पाठ्य पुस्तकें नहीं पहुंचने पर चिंता जताई है। वक्ताओं ने कहा कि पिछली गलतियों से भी विभाग ने सबक नहीं लिया। गत वर्ष भी नए सत्र प्रारंभ के होने के पांच-छह महीने बाद छात्र-छात्राओं को पुस्तकें उपलब्ध हो पाई थी। इससे पूरी पढ़ाई प्रभावित रही। रविवार को एक होटल में आयोजित बैठक में प्रांतीय अध्यक्ष संजय कुमार टम्टा ने कहा कि माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक एवं प्रधानाचार्य के विभागीय भर्तियों का विरोध किया जाएगा। यह भर्ती को पूर्व से चले आ रहे शिक्षकों की वरिष्ठता के विरुद्ध है। इसमें एसोसिएशन कतई स्वीकार नहीं करेगा। वक्ताओं ने सरकार से राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ और पंजाब राज्यों की भांति उत्तराखंड में भी शिक्षक एवं कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग की। एसोसिएशन भी पुरानी पेंशन बहाली के लिए भविष्य में प्रदेश स्तरीय आंदोलन की रणनीति तैयार करेगा। कहा कि प्रदेश के प्राथमिक से लेकर माध्यमिक तक के स्कूलों में शिक्षक, प्रधानाध्यापकों व प्रधानाचार्य के हजारों पद रिक्त हैं। इनसे प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही है। नए शिक्षा सत्र में शीघ्र ही इन पदों पर नियुक्ति एवं विभागीय पदोन्नति की मांग की। संचालन हरीश आगरी ने किया। यहां मंडलीय महामंत्री संजय टम्टा, गोविंद प्रसाद आगरी, गिरीश चंद्र धोनी, सरजीत कुमार, त्रिभुवन लोबियाल, जगमोहन टम्टा, विवेकानंद टम्टा, सुधीर कुमार, नवीन त्रिकोटी, सरजीत कुमार, मनोज कुमार शिल्पकार रहे।