November 22, 2024

चीन फिर देगा कोरोना जैसी बीमारी, हेल्थ एक्सपर्ट की वॉर्निंग; वुहान से है कनेक्शन


 वुहान। कोरोना का दर्द लोग अभी भी भूल नहीं पाए हैं। दावा किया जाता है कि यह बीमारी चीन के वुहान से निकली थी। एक बार फिर चीन से कोरोना जैसी बीमारी निकलने के दावे किए गए हैं। यह दावा किसी और ने नहीं, बल्कि खुद चीन की ही हेल्थ एक्सपर्ट ने किए हैं। शी झेंगली नाम की यह महिला चीन की बेस्ट वायरोलॉजिस्ट के रूप में जानी जाती है। झेंगली का वायरस पर रिसर्च काफी बेहतरीन रहा है और इसके चलते उन्हें बैटवुमन के नाम से भी जाना जाता है। झेंगली ने एक रिसर्च पेपर में लिखा है कि भविष्य में वायरस से होने वाली बीमारी चीन से फिर फैलेगी जो कोरोना से भी खतरनाक होगी।
40 कोरोना वायरस प्रजातियों पर रिसर्च
वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में शी की टीम ने 40 कोरोना वायरस प्रजातियों के इंसान पर रिस्क का मूल्यांकन किया है। इनमें से आधे को बेहद जोखिम वाला बताया है। यह शोध विभिन्न वायरल लक्षणों के विश्लेषण पर आधारित था, जिसमें जनसंख्या, आनुवंशिक विविधता, मेजबान प्रजातियां और जूनोसिस का कोई पिछला इतिहास शामिल था। यह वो बीमारियां हैं जो जानवरों से मनुष्यों में आती हैं। इन 40 में से, छह को पहले से ही बीमारियों का कारण माना जाता है जो मनुष्यों को संक्रमित कर चुके हैं। इस स्टडी में चेतावनी दी गई है कि भविष्य में यह बीमारी फिर से लौटेगी। इतना ही नहीं, यह कोरोना से भी ज्यादा घातक साबित होगी।
चीन में कोरोना को कर रहे इग्नोर
हालांकि यह स्टडी जुलाई में अंग्रेजी मैगजीन माइक्रोब्स एंड इंफेक्शन में प्रकाशित हुआ था। हालांकि इस महीने चीनी सोशल मीडिया पर इसने लोगों का ध्यान खींचा है। नाम न बताने की शर्त पर वैज्ञानिक ने साउथ मॉर्निंग चाइना पोस्ट को बताया कि हमने देखा है कि कोविड 19 को कम महत्व दिया जा रहा है। कुछ शहरों ने संक्रमण के आंकड़े जारी करना तक बंद कर दिया गया है। वुहान टीम ने कुछ खास इक्विपमेंट्स की भी पहचान की है जिनसे हाई रिस्क वाले वायरस की निगरानी हो सकती है।
इन जानवरों से खतरा
इसके अलावा, उन जानवरों के बारे में भी बताया गया है, जो इस वायरस के संवाहक हो सकते हैं। इनमें चमगादड़, ऊंट, सुअर और पैंगोलिन जैसे जीव हैं। इस रिसर्च के इतना महत्वपूर्ण होने के बावजूद चीन के वायरोलॉजिस्ट इस पर टिप्पणी करने से बच रहे हैं। इसकी वजह है, मामले का नाजुक होना। वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी जांच के दायरे में है। अमेरिका ने इस पर पहले ही संदेह जताया था कि कोविड-19 इसी लैब में हुए हादसे की देन है। हालांकि इसको लेकर भी विवाद की स्थिति है।