आंध्र प्रदेश की मशहूर सोने व चांदी से बुनी शिल्क साड़ियां दूनवासियों की पहली पसंद
देहरादून ( आखरीआंख समाचार ) , उत्तराखण्ड हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद उद्योग निदेशालय देहरादून एवं विकास आयुक्त (हथकरघा) भारत सरकार द्वारा नेशनल हैण्डलूम एक्सपो में दिन प्रतिदिन दूनवासियों का अच्छा रूझान देखकर हथकरघा बुनकरों के चहरे खिले हुए हैं। हथकरघा बुनकरों ने कहा कि हमें उम्मीद है कि अगामी 10 जनवरी तक दूनवासियों का प्यार हमें ऐसे ही मिलता रहेगा।
नेशनल हैण्डलूम एक्सपो में 200 स्टॉल लगाये गये हैं जिसमें 45 स्टॉल उत्तराखण्ड के हैं। भारत के लगभग 17 राज्यों के हथकरघा बुनकरों के स्टॉल इस एक्सपों में लगे हैं। जहां कर्नाटक, उड़ीसा, गुजरात, जयपुर, उत्तराखण्ड सहित कई स्टॉल लगाये गये हैं। वहीं नैशनल हैण्डलूम एक्सपो के सरस्वती पंडाल में आंध्र प्रदेश के श्री बाला जी विवर्स कॉपरेटिव हैण्डलूम साड़ियों का स्टॉल लगा हुआ हैं। स्टॉल में हथकरघा बुनकर नवीन कुमार ने बताया कि मैं पिछले आठ वर्षों से इस हैण्डलूम एक्सपों में आ रहा हूं, और इस बार हम दूनवासियों के लिए दो हजार से लेकर दो लाख तक शिल्क साड़ियां लेकर आये हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक हमने पच्चास हजार से लेकर 90 हजार तक की साड़ियां बेची हैं। उन्होंने बताया कि हमारे पास कांजीवरम, उपाड़ा, माबरी शिल्क साड़िया उपलब्ध हैं। नैशनल हैण्डलूम एक्सपो के गंगा पंडाल में भी आंध्र प्रदेश की शिल्क साड़ियों का स्टॉल लगा है जो रामाचन्द्र हैण्डलूम कॉपरेटिव सोसाईटी द्वारा लगाई गयी हैं। हथकरघा बुनकर यू0 श्रीनिवास ने बताया कि हम दूनवासियों के लिए कांजीवरम, उपाड़ा, बिनी शिल्क, मैसूर क्रेप, कॉटन शिल्क साड़िया लेकर आये हैं जो पन्द्रह सौ से लेकर चार लाख तक की हैं। उन्होंने बताया कि चार लाख की साड़ी में सोना व चांदी के धागे की बुनाई की गयी हैं, इस साड़ी के साथ वे प्रमाण पत्र भी देते हैं। नेशनल हैण्डलूम एक्सपो में उप निदेशक शैली डबराल, मेला अधिकारी केसी चमोली, जगमोहन बहुगुणा, एमएस नेगी मौजूद रहे।