40 लोगों की बचाव की उम्मीद को झटका, टनल के अंदर मशीन का बियरिंग टूटा
उत्तरकाशी। उत्तरकाशी टनल हादसे में सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिशों को शुक्रवार को बड़ा झटका लगा। टनल के अंदर पिछले 130 घंटे से जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे लोगों को सुरक्षित बाहर निकलने के लिए अब थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा।
टनल के अंदर मलबा आने और ऑगर मशीन में तकनीकि की खराबी वजह से आज सुबह से ड्रिलिंग का काम पूरी तरह से ठप हो गया। सूत्रों की बात मानें तो मशीन का बियरिंग टूट गया है। मशीन को मलबे से बचाने के लिए उसे प्लेटफार्म पर करीब 50 मीटर पीछे खींच लिया लिया गया है।
सूत्रों के अनुसार, टनल के प्रभावित क्षेत्र में लगातार मलबा गिर रहा है। रेस्क्यू अभियान को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए इंदौर से आने वाली ऑगर मशीन पर उम्मीदें टिकी हैं। इंजीनियर मशीन के क्षतिग्रस्त बियरिंग की मरम्मत में जुटे हैं। देर शाम तक काम पूरी तरह थमा हुआ था।
शुक्रवार शाम एनएचआईडीसीएल के निदेशक अंशु मनीष खलको ने ड्रिंलिंग प्रभावित होने की पुष्टि की। कहा कि जल्द से जल्द दोबारा काम शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है। शुक्रवार सुबह आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम से जारी बुलेटिन के अनुसार सुबह 9.30 बजे तक केवल चार पाइप ही मलबे में ड्रिल हो पाए थे।
पांचवा पाइप जोड़ लिया गया था। आज सुबह से काम बंद होने की सूचनाएं बाहर हाने पर रेस्क्यू स्थल हलचल बढ़ गई। सूत्रों के अनुसार, मशीन के लगातार चालू रहने से पैदा हुए कंपन ने टनल के भीतर काफी हलचल पैदा कर दी है। इससे मलबा ढीला होकर नीचे गिरना शुरू हो गया है। इसी बीच ऑग्र मशीन का बियरिंग भी खराब हो गया। सूत्रों के अनुसार मलबा गिरना बढ़ने पर ऑगर मशीन को टनल में मुख्य स्थल से कुछ पीछे खींच लिया गया है।
इंदौर से आएगी नई मशीन, रेस्क्यू आपरेशन का वक्त बढ़ा
शाम डीएम अभिषेक रूहेला के साथ प्रेस कांफ्रेस करते हुए एनएचआईडीसीएल के निदेशक खलको ने कहा कि रेस्क्यू आपरेशन के लिए मजबूत बैकअप बनाने के लिए इंदौर से नई मशीन मंगाई जा रही है। यह मशीन भी वर्तमान मशीन के समान क्षमता की होगी। हालांकि उन्होंने दावा किया कि वर्तमान मशीन को ठीक कर लिया जाएगा। ड्रिलिंग के दौरान निसंदेह कुछ तकनीकि दिक्ततें आती ही रहती है। उन्हें ठीक कर लिया जाएगा।
रुक रुक कर होगी ड्रिलिंग
टनल के भीतर अब ऑगर मशीन लगातार नहीं चलाई जाएगी। कुछ कुछ घंटे का ब्रेक देते हुए ड्रिलिंग की जाएगी। खलके अनुसार मशीन के लगातार चलने की वजह से टनल के भीतर कंपन बढ़ जाता है। यह भी ठीक नहीं है। इसलिए अब से आपरेशन के दौरान मशीन को कुछ कुछ समय का ब्रेक देते हुए चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सुबह 9.30 बजे तक 22 मीटर पाइप को ड्रिल कर दिया गया था। दो मीटर पाइप अभी बाहर है। पांचवे पाइप को जोड़कर तैयार कर लिया गया है।