September 20, 2024

बेरोजगार महासंघ ने युवा विरोधी शासनादेशों की होली जलाई

देहरादून  ( आखरीआंख समाचार )  उत्तराखंड बेरोजगार महासंघ ने उत्तराखंड के युवा व जन विरोधी कैबिनेट निर्णयों, शासनादेशों व कोर्ट निर्णयों की होली जलाकर अपना विरोध दर्ज किया। कहा कि लगातार आंदोलन को जारी रखा जायेगा, वहीं उन्होंने कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य, भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट एवं भाजपा कार्यालय पर प्रदर्शन भी किया।
उत्तराखंड बेरोजगार महासंघ से जुड़े हुए शिक्षित बेरोजगार महासंध अध्यक्ष बाॅबी पंवार के नेतृत्व में परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पर इकटठा हुए और वहां पर उन्होंने प्रदर्शन करते हुए उत्तराखंड के युवा व जन विरोधी कैबिनेट निर्णयों, शासनादेशों व समूह ग आंदोलनकारियों से संबंधित एवं कोर्ट निर्णयों की होली जलाकर अपना विरोध दर्ज किया और कहा कि अब आर-पार का आंदोलन शुरू किया जायेगा। उत्तराखंड बेरोजगार संघ द्वारा अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के कार्यालय के समक्ष  विज्ञप्ति जारी किये जाने की मांग लगातार की जा रही है लेकिन कोई सुध नहीं ली जा रही है और कहा कि आंदोलन को तेज किया जायेगा। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि लगातार संघर्ष करने के बाद भी विज्ञप्ति जारी नहीं की जा रही है और आयोग के सचिव कह रहे है कि सरकार से उन्हें अनुमति नहीं है। वक्ताओं ने कहा कि आयोग ने जो 1800 पद बताये गये है और आयोग के सचिव व सरकार मिलकर राज्य के छात्रों को गुमराह कर रहे है और उनके पास पद है ही नहीं और न ही वह छात्रों को रोजगार देना चाहते है। उन्होंने कहा कहा कि लगातार छात्रों के हितों के लिए संघर्ष किये जाने के बावजूद भी समस्याओं का समाधान नहीं निकाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि आयोग के कार्यालय के सामने सत्याग्रह पर बैठ गये है।
इस अवसर पर वक्ताओं ने हा कि सरकारी विभागों की भर्तियों में राज्य के बेरोजगार नौजवान युवाओं को अपने परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और उनकी मांगों पर किसी भी प्रकार की कोई कार्ययोजना तैयार नहीं हो पा रही है और बेरोजगार युवाओं जिनके हाथ में पढ़ने क लिए किताबें होनी चाहिए थी उन्हें आंदोलन की राह पर चलने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है और यह दुर्भाग्य की बात है और युवा ही इस राज्य का भविष्य है और आज उनके साथ ही उनके हितों का खिलवाड़ हा रहा है और प्रदेश में सरकारी विभागों में कर्मचारियों की भर्ती आउट सोर्सिंग या उपनल आदि एजेंसियों के माध्यम से हो रही है और इसमें भी वही लोग ही नियुक्त पा जाते है जो एजेंटों के माध्यम से होते है और पहाड़ से शहर में किराये के कमरे लेकर माता पिता की आर्थिक स्थिति अच्छी न होते हुए  दिन रात पढ़ाई करते है वह अभ्यर्थी वंचित रह जाते है और राज्य में भर्तियां सीधी भर्ती से ही होनी चाहिए। यदि संविदा से पद भरें जाये तो उनकी भी उत्तराखंड भर्ती बोर्डों द्वारा परीक्षायें आयोजित करवाये और उसमें चयनित अभ्यर्थियों को रखा जाये। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश में आउट सोर्सिंग के कारण सरकारी विभागों में भर्तियां नहीं निकल पा रही है और सारे पद आउट सोर्सिंग से भरे जा रहे है जिससे की उत्तराखंड के युवा बेरोजगार हताश व निराश है जिस कारण आये दिन उन्हें आंदोलन करने पड़ रहे है। वन वभिाग में फाॅरेस्ट गार्ड के 1218 पदों की भर्ती पिछले दो साल से लटकी पड़ी है ओर इसके लिए जहां प्रदेश के लगभग दो लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया और साढे चार कराड़ रूपये शुल्क के रूप में अभ्यर्थियों ने जमा किया लेकिन भर्ती प्रक्रिया आरंभ नहीं हो पा रही है। इस अवसर पर जिला प्रशासन के अधिकारी तहसीलदार मुकेश चन्द्र रमोला को ज्ञापन सौंपा, जिसमें भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, स्पीकर लोक सभा, स्पीकर राज्य सभा, मुख्य न्यायाधीश, उच्चतम न्यायलय, गृह मंत्री, भारत, राज्यपाल उत्तराखंड प्रदेश, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड, और मुख्य न्यायधीश, उत्तराखंड उच्च न्यायालय को सौंपे ज्ञापन में उत्तराखंड प्रदेश के नागरिक हितों, हक-हकूकों पर कुठाराघात करती नीतियों और न्यायकि आदेशों से उपज रहे जनाक्रोश की ओर ध्यानाकर्षण किया गया है।इस कार्यक्रम में गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान की पूर्ण भागीदारी व समर्थन दिया। इस अवसर पर मनोज ध्यानी, बाॅबी पंवार, पी सी पंत, बाॅबी पंवार, सत्यम टम्टा, विरेश चैधरी, प्रताप चैहान, जसवन्त धानिक सहित अनेक बेरोजगार शामिल थे।