चंडीगढ़ मेयर चुनाव : हाईकोर्ट 6 फरवरी पर सहमत नहीं, बुधवार तक डेट नहीं बताई तो कोर्ट तय करेगा
चंडीगढ़ । मेयर चुनाव को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में आज दो याचिकाओं पर सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए चंडीगढ़ प्रशासन से कहाकि चुनाव के लिए 6 फरवरी बहुत लंबा समय है और कल 24 जनवरी को चुनाव के संबंध में विस्तृत जानकारी दें कि चुनाव कब होंगे। वरना चुनाव की डेट कोर्ट तय करेगी। हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर अब दोबारा कल 24 जनवरी को सुनवाई होगी।
चंडीगढ़ मेयर चुनाव 18 जनवरी को मतदान से आधे घंटे पहले पीठासीन अधिकारी के बीमार होने की वजह से पोस्टपोन कर दिया गया था। इसके खिलाफ मेयर पद के उम्मीदवार कुलदीप कुमार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर उसी दिन चुनाव करवाने की मांग की थी। 19 जनवरी को कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान चंडीगढ़ प्रशासन ने 6 फरवरी को चुनाव कराने को लेकर एक नोटिफिकेशन दी थी। इसमें प्रशासन ने बताया कि कानून व्यवस्था बिगडऩे की आशंका के कारण यह चुनाव टाला गया था। जिसे दोबारा से 6 फरवरी को कराया जाएगा। 22 जनवरी को शहर में रामलला प्राण प्रतिष्ठा को लेकर जगह-जगह कार्यक्रम थे और 26 जनवरी को रिपब्लिक डे होने के कारण सुरक्षा का अलर्ट है। इसलिए प्रशासन अभी यह चुनाव नहीं करा सकता है।
याचिका पर हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन और नगर निगम को 23 जनवरी के लिए नोटिस जारी कर दिया था। इसके बाद डीसी ने आदेश जारी कर 6 फरवरी को चुनाव करवाने का निर्णय लिया था। चंडीगढ़ मेयर चुनाव के लिए 6 फरवरी की तारीख तय करने को चुनौती देने वाली याचिका पर चंडीगढ़ प्रशासन ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से जवाब देने के लिए बुधवार तक का समय मांगा है।
प्रशासन ने कहा कि कल तक इस पर निर्णय लेकर हाईकोर्ट को सूचित कर दिया जाएगा। सके बाद हाईकोर्ट ने कल सुबह दस बजे तक का समय देते हुए कहा कि या तो प्रशासन तय कर ले कि कब चुनाव होंगे, नहीं तो हमें आदेश जारी करने होंगे। चंडीगढ़ प्रशासन इससे पहले चुनाव क्यों नही हो सकते, इस पर कल
सुबह दस बजे तक जानकारी दें।
बता दें चंडीगढ़ नगर निगम में मेयर, सीनियर डिप्टी, मेयर और डिप्टी मेयर के लिए 18 जनवरी को चुनाव तय किए गए थे। इसके लिए चंडीगढ़ के उपायुक्त विनय कुमार की तरफ से नोटिफिकेशन जारी किया गया था। लेकिन 16 जनवरी को कांग्रेस की तरफ से मेयर पद के प्रत्याशी जसवीर सिंह बंटी के नामांकन वापसी के समय हंगामा हो गया और उपायुक्त द्वारा लगाए गए चुनाव अधिकारी की अचानक तबीयत खराब हो गई। इसकी वजह से इस चुनाव को टाल दिया गया था। इसके बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के पार्षदों की तरफ से नगर निगम ऑफिस के बाहर जमकर हंगामा किया गया। इसके बाद ही अदालत में यह दोनों याचिकाएं दाखिल की गई है।