November 22, 2024

सरकार का प्रस्ताव किसानों को नामंजूर, केंद्र को कल तक का समय वरना 21 को दिल्ली कूच तय


 चंडीगढ़ । एमएसपी की कानूनी गारंटी पर रविवार को चंडीगढ़ में किसान नेताओं और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच चौथे दौर की बैठक हुई। इसमें केंद्र सरकार चार और फसलों पर एमएसपी देने को तैयार हो गई है। केंद्र के इस प्रस्ताव पर बैठक में मौजूद किसान नेताओं ने कहा कि वह सभी संगठनों से बात कर आज इस पर अंतिम फैसला बताएंगे। वहीं हरियाणा के बॉर्डर पर किसान डटे हुए हैं।
21 को होगा दिल्ली कूच
राजस्थान के ग्रामीण किसान मजदूर समिति के मीडिया प्रभारी रणजीत राजू ने बताया कि सरकार के प्रस्ताव पर किसानों की सहमति नहीं बन सकी है। सभी फोरमों में बात करने के बाद अब किसान नेताओं ने फैसला लिया है कि 21 फरवरी को दिल्ली के लिए कूच करेंगे। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार लाठियां भांजेगी तो खाएंगे, गोले दागेंगे तो उसका भी सामना करेंगे। सरकार अपने प्रस्ताव के जरिए सिर्फ हरियाणा पंजाब के किसानों को देख रही है जबकि आंदोलन देशभर के किसानों की विभिन्न फसलों के लिए है। वहीं धान पर सरकार एमएसपी देने के लिए राजी हुई है मगर पैदावार अपने हिसाब से कराना चाहती है। यह किसानों को मंजूर नहीं है। भाकियू शहीद भगत सिहं के किसान नेता जय सिंह जलबेड़ा ने भी इसकी पुष्टि की है। किसानों ने सरकार को 20 फरवरी तक का समय दिया है।
तिलहन और बाजरा को भी शामिल करने की मांग
भाकियू चढ़ूनी के नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि 21 फरवरी तक का समय है। सरकार को सोचना और समझना चाहिए कि तिलहन और बाजरा खरीद के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. जैसे उन्होंने दालों, मक्का और कपास का उल्लेख किया, उन्हें इन दोनों फसलों को भी शामिल करना चाहिए। अगर इन दोनों को शामिल नहीं किया गया तो हमें इस बारे में फिर से सोचना होगा…कल हमने

फैसला लिया कि अगर 21 फरवरी तक सरकार नहीं मानी तो हरियाणा भी आंदोलन में शामिल होगा।
बातचीत में हरियाणा के सीएम को भी शामिल करने की मांग
भाकियू चढ़ूनी के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने मांग की कि आंदोलनरत किसानों के साथ सरकार की वार्ता में हरियाणा के मुख्यमंत्री भी शामिल हों। उनके शामिल न होने पर हरियाणा के किसानों की मांगों की अनदेखी की आशंका हो रही है। चढूनी ने कहा कि जब पंजाब के मुख्यमंत्री वार्ता में शामिल हैं तो हरियाणा के मुख्यमंत्री क्यों नहीं। हरियाणा के किसानों की भी मांगें पंजाब की तर्ज पर पूरी हों, अन्यथा यहां के किसान भी पीछे नहीं रहेंगे। यह पहले ही किसानों ने दिखा दिया है। एक दिन टोल फ्री तो एक दिन ट्रैक्टर मार्च निकाला। रविवार को ब्रह्मसरोवर पर बैठक कर रणनीति बनाई गई और अब हरियाणा के किसानों के हितों की अनदेखी हुई तो तत्काल आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। 21 फरवरी तक इंतजार किया जाएगा।
होमगार्ड जवान को तेज रफ्तार कार ने कुचला
मुक्तसर में दिल्ली-फाजिल्का राष्ट्रीय राज्य मार्ग टोल प्लाजा गांव माहूआणा पर रविवार की देर शाम किसानों की ओर से लगाए गए धरने के दौरान ड्यूटी पर तैनात होमगार्ड के जवान को तेज रफ्तार कार ने कुचल दिया। हादसे में होमगार्ड जवान की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई।
पटियाला में धरने पर बैठे किसान की मौत
पटियाला में कैप्टन अमरिंदर के घर के बाहर दो दिन से प्रदर्शन कर रहे एक किसान की मौत हो गई है। आंदोलन में ये तीसरे किसान की मौत है। इसके अलावा शंभू बॉर्डर पर तैनात एक एसआई की भी मौत हो चुकी है।
हम केंद्र के प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे-पंधेर
एमएसपी पर दालें, मक्का खरीदने के केंद्र के पांच साल के प्रस्ताव पर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि केंद्रीय मंत्रियों ने अपना प्रस्ताव देश के सामने रखा है। हम इस पर चर्चा करेंगे। कल खनौरी में एक किसान की जान चली गई। हमारा नेतृत्व वहां जा रहा है।
मान बोले-पंजाब दालें भी उगा सकता है
विभिन्न किसान संघों के प्रतिनिधियों के साथ केंद्रीय मंत्रियों की बैठक के बाद सीएम भगवंत मान ने कहा कि अगर किसानों को अन्य फसलों पर भी एमएसपी की गारंटी दी जाए तो पंजाब दालें भी उगा सकता है।
सिरसा में किसानों का पक्का धरना जारी
सिरसा डबवाली हाईवे पर गांव पंजुआना नहर पर किसानों का पक्का धरना जारी है। किसान नेता जसबीर सिंह भाटी ने कहा कि  21 फरवरी को लेकर विशेष कार्य योजना बनाई जा रही है। इस दिन आंदोलन को लेकर रूप रेखा फाइनल की जाएगी। धरना निरंतर जारी रहेगा और सरकार से बैठक करने वाले नेताओं से तालमेल स्थापित किया हुआ है।
केंद्रीय मंत्री बोले-22 चीजों पर लागू है एमएसपी

केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने कहा कि किसान आंदोलन राष्ट्रीय लोक दल की तरफ से नहीं चल रहा है। किसान आंदोलन पंजाब से चल रहा है। 22 चीजों पर एमएसपी पहले से ही लागू है। सभी चीजों पर एमएसपी लागू करने से पहले सोचना पड़ता है…किसान सम्मान निधि और सब्सिडी मिला ली जाए तो रक्षा बजट से ज्यादा पैसा इसमें दिया जाता है।
शंभू पर शांति से बैठे हैं किसान
शंभू बॉर्डर पर किसान अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं। शुरुआती दो दिनों के मुकाबले अभी माहौल शांतिपूर्ण बना हुआ है। अर्धसैनिक बलों ने रविवार को कोई कार्रवाई नहीं की। प्रदर्शन कर रहे किसान भी आगे बढ़ने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। किसान नेताओं के बार-बार आग्रह के बाद हरियाणा पुलिस की बैरिकेडिंग से 50 मीटर की दूरी पर लगी रस्सी के पीछे ही बैठे रहे। बुजुर्ग किसानों ने युवाओं को आगे जाने से रोकने के लिए कुछ देर के लिए रस्सी के पास जाकर पहरा भी दिया। किसान नेताओं के मंच पर बड़ी तादाद में महिलाएं भी शंभू बॉर्डर पर किसानों का साथ देने पहुंचीं। इस दौरान कुछ युवा लंगर में ड्यूटी निभाते दिखे तो कुछ वहां मौजूद लोगों की सेवा करते दिखाई दिए।
21 फरवरी को आगे बढ़ेंगे हम-पंधेर
किसानों के विरोध प्रदर्शन पर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि अभी दिल्ली नहीं जा रहे हैं। 21 फरवरी को सुबह 11 बजे हम शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ेंगे। तब तक हम केंद्र के सामने अपनी बात रखने की कोशिश करेंगे।