September 8, 2024

विभागीय फरमान से भोजनमाताओं में हड़कंप


देहरादून ।  शिक्षा विभाग के एक फरमान से इन दिनों भोजनमाताओं में हड़कंप मचा हुआ है। फरमान के जारी होने के बाद से ही उन्हें अपने रोजगार पर संकट के बादल मंडराते नजर आ रहे हैं। भोजनमाताओं का कहना है उन्हें जबरन सेवा से बाहर करने का कड़ा विरोध किया जाएगा। भोजनमाता संगठन की प्रदेश अध्यक्ष उषा देवी ने कहा कि राज्य परियोजना निदेशक की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि विद्यालयों में वही भोजनमाताएं कार्यरत रहेंगी, जिनके बच्चे उस विद्यालय में अध्ययनरत हों। कहा कि इस फरमान से प्रदेश के विद्यालयों में कार्यरत हजारों भोजनमाताओं के रोजगार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। बीते बीस वर्षों से विद्यालयों में तैनात भोजनमाताओं के बच्चों का संबंधित विद्यालय में अध्ययनरत होना संभव नहीं है। अधिकांश भोजनमाताओं के बच्चे उन विद्यालयों से पासआउट हो चुके हैं। बेहद अल्प मानदेय पर दो दशक से अपनी सेवाएं दे रही भोजनमाताओं को अचानक सेवा से बाहर कर देने से उनके सामने परिवार के पालन पोषण की समस्या पैदा हो जाएगी। संगठन की प्रदेश महामंत्री माधुरी तोमर, प्रमिला चौहान, संसारवती, कल्पेश्वरी देवी, रेखा देवी आदि ने बताया कि वर्ष 2003 से भोजनमाताएं अपनी सेवा दे रही हैं। उन्हें सम्मानजनक राशि के साथ सेवानिवृत्त करने के बजाय सरकार बेरोजगार करने का प्रयास कर रही है। कहा कि इस तरह की किसी भी कोशिश का सभी भोजनमाताएं विरोध करेंगी। उधर, परियोजना निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती का कहना है कि सरकार की नियमावली के अनुसार ही कार्यवाही की जाएगी।