May 21, 2024

वन विभाग के अधिकारियों की नाक के नीचे कट गये साल के हरे पेड़, लाखों की लकड़ी हो गयी गायब


देहरादून। एक ओर लोकसभा  चुनाव की आचार संहिता लगी हुयी है और दूसरी ओर वन विभाग के अधिकारियों की नाक के नीचे साल के पांच हरे पेड़ों को ठिकाने लगा  दिया गया। जबकि यह पेड़ सिंचाई विभाग की जमीन में पिछले कई सौ साल से खड़े थे। माफियाओं ने वन विभाग के फोरेस्‍टर के साथ मिल कर यह खेला किया। मामले में हांलांकि वन विभाग के अधिकारी जुर्म काटने की बात कर रहे हैं।
सूत्राों से मिली जानकारी के अनुसा नेहरूग्राम के रिंग रोड पोस्‍ट आफिस के पास लगे हुए इलाके में जहां से रायपुर बद्र्रीपुर को जाने वाली पानी की नहर बहती है वहां सिंचाई विभाग की जमीन पर पिछले कइ सौ बर्षों से साल के पांच पेड़ खड़े थे। इन पेड़ों में एक पेड़ सूखा हुआ था और चार पेड़ हरे थे। इस एक सूखे पेड़ को स्‍थानीय लोगों के लिख खतरा बताते हुए यहां वन माफियाओ ने पांच पेड़ों पर आरी चला दी। ये आरी भी इतनी सफाई से चलाई कि वन विभाग के अधिकारियों को और सिंचाई विभाग के अधिकारियों को भनक तक नहीं लगी। सूत्रों की माने तो वन विभाग के एक फोरेस्‍टर की इसमें मिली भगत है। जब ये पेड़ काटे जा रहे थे तो इस फोरेस्‍टर ने वहां जाकर इनको संरक्षण दिया और अपने ही अधिकारियों को गुमराह किया। बताया जा रहा है कि यह अधिकारी पिछले कई मामलों में भी सलिप्‍त पाया गया है। शातिर वन माफियाओ ने पेड़ काटने के बाद यहां जेसीबी चला कर पेड़ों की जड़ों को भी हटाने का प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हो पाए। बताया जा रहा है कि काटे गये पेड़ों की कीमत लाखों रूपये है। ये पेड़ लगभग तीन सौ साल से अधिक समय से यहां खड़े थे।
इस मामले में डीएफओ मसूरी अमित कुंवर का कहना है कि उनके संज्ञान में मामला आया है और उन्‍होंने पूरे मामले की जांच के लिए वन विभाग  की चौकी में जुर्म दर्ज करा दिया है मामले की जांच की जा रही है। विभागीय अधिकारियों

की मिली भगत की जहां तक बात है तो इसकी भी जांच की जा रही है। यदि सही पाया गया तो ठेकेदार विमल शर्मा और अन्‍य के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया जाएगा।
वहीं दूसरी ओर सिंचाई विभाग के जे ई पवन सिलवाल का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में आते ही उन्‍होंने मौके पर जाकर देखा तो  वहां से साल के हरे पेड़ काटे गये थे। इस तत्‍काल प्रभाव से कार्रवाई करते हुए पुलिस चौकी जोगीवाला में लिखित तहरीर दी गयी है रिपाोर्ट दर्ज करने को कहा गया है। साथ विभाग पूरे मामले की अपने स्‍तर से भी जांच कर रहा है।