लोकसभा चुनाव: ईवीएम की सुरक्षा पर उठते सवाल
नई दिल्ली । लोकसभा चुनावों में अभी तक ईवीएम हथिया लेने और उसके साथ छेड़छाड़ करने के कई मामले सामने आए हैं। सभी मामलों में पुलिस कार्रवाई शुरू तो कर दी गई है लेकिन ईवीएम की सुरक्षा के इंतजामों पर सवाल उठ रहे हैं। आंध्र प्रदेश में एक विधायक द्वारा कम से कम सात मतदान केंद्रों में जाकर ईवीएम के साथ तोड़-फोड़ करने का मामला सामने आया है। एक मतदान केंद्र का तो वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी शेयर किया जा रहा है, जिसमें वाईएसआरसीपी के विधायक पिन्नेल्ली रामाकृष्णा रेड्डी वीवीपैट मशीन को उठा कर जमीन पर पटकते हुए नजर आ रहे हैं। यह वारदात 13 मई की है जब प्रदेश की सभी लोकसभा सीटों के साथ-साथ सभी विधानसभा सीटों के लिए भी मतदान हो रहा था। चुनाव आयोग की शिकायत पर राज्य पुलिस ने रेड्डी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। कुछ नहीं कर पाए मतदान अधिकारी इससे पहले इन चुनावों में ईवीएम के साथ छेड़छाड़ के कई मामले सामने आए हैं। 13 मई को ही उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में एक मतदान केंद्र में एक युवक ने मतदान केंद्र के अंदर एक ही ईवीएम पर आठ बार मतदान किया और ऐसा करते हुए अपना वीडियो भी बना लिया। वीडियो में युवक बार-बार बीजेपी के प्रत्याशी के आगे बटन दबाता हुआ नजर आ रहा है। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया और युवक को ढूंढ निकाला, लेकिन उसे गिरफ्तार नहीं किया गया क्योंकि वह नाबालिग है
मीडिया रिपोर्टों में यह भी बताया गया कि युवक स्थानीय ग्राम प्रधान का बेटा है। सारी कार्रवाई के बाद चुनाव आयोग ने इस केंद्र पर हुए मतदान को अमान्य ही घोषित कर दिया और 25 मई को वहां दोबारा मतदान करवाने का आदेश दिया। इसी तरह नौ मई को गुजरात की दाहोद लोकसभा सीट पर महिसागर जिले में एक व्यक्ति ने एक मतदान केंद्र में घुसकर कई बार मतदान किया और अपनी इस
हरकत को फेसबुक पर लाइव दिखाया भी। करना पड़ा मतदान रद्द मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक यह व्यक्ति भी बीजेपी का सदस्य था और उसने बार-बार बीजेपी के स्थानीय प्रत्याशी के नाम के आगे ही बटन दबाया। यहां तक कि वह एक ईवीएम को हाथ में उठा कर नाचने भी लगा और सबसे यह कहना लगा कि ईवीएम “हमारे बाप का है” शिकायत मिलने पर स्थानीय पुलिस ने उस व्यक्ति को और उसके वीडियो बनाने और सोशल मीडिया पर डालने वाले उसके साथी को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही चुनाव आयोग ने उस दिन इस केंद्र पर मतदान को रद्द कर दिया और 11 मई को फिर से मतदान करवाया। इनमें से कई मामलों में विपक्ष के उम्मीदवारों द्वारा पुलिस से शिकायत करने या वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल हो जाने के बाद चुनाव आयोग ने मामले को संज्ञान में लिया और आवश्यक कार्रवाई की। लेकिन ईवीएम की सुरक्षा के इंतजामों पर सवाल जरूर खड़े हो गए हैं।