शिक्षक केस वापस ले लेते हैं तो 24 घंटे के भीतर प्रमोशन के आदेश जारी करेगा विभाग
देहरादून । प्रमोशन के लंबित मामलों के समाधान के लिए शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने शिक्षकों को एक बार फिर ऑफर दिया है। बकौल मंत्री शिक्षक यदि कोर्ट केस वापस ले लेते हैं तो विभाग 24 घंटे के भीतर प्रमोशन आदेश जारी कर देगा। शिक्षकों के वरिष्ठता विवाद की वजह से हाईस्कूल प्रधानाध्यापक और प्रवक्ता पद पर प्रमोशन कई वर्ष से लटके हुए हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार चाहती है कि शिक्षकों के प्रमोशन पर समय पर हों। लेकिन न्यायिक विचाराधीन होने की वजह से सरकार निर्णय नहीं ले सकती है। पहले शिक्षकों को कोर्ट केस वापस लेने पर सात दिन में प्रमोशन में प्रमोशन करने का वादा किया था। अब सरकार 24 घंटे में प्रमोशन करने को तैयार है।
शिक्षकों के दो वरिष्ठता विवाद पिछले कई साल से जारी है। तदर्थ विनियमित शिक्षक वर्ष 1995 के जीओ के आधार पर अपने विनियमितीकरण की तारीख एक अक्टूबर 1990 से से वरिष्ठता मांग रहे हैं। हालांकि एक बार सरकार ने उन्हें वरिष्ठता दे दी थी। लेकिन फिर विवाद होने पर 13 जुलाई 2021 को वरिष्ठता देने का आदेश वापस ले लिया। तब से यह मामला हाईकोर्ट और लोक सेवा अभिकरण के विचाराधीन है।
दूसरा मामला प्रवक्ताओं का है। छह अगस्त 2010 में शिक्षा विभाग ने करीब 2000 एलटी शिक्षकों का प्रवक्ता कैडर में प्रमोशन किया था। इन शिक्षकों को वरिष्ठता नियमावली का हवाला देते हुए बैक डेट से वरिष्ठता दे दी। इसके विरोध में वर्ष 2005 की सीधी भर्ती से लोक सेवा आयोग से चुनकर आए प्रवक्ताओं ने हाईकोर्ट में केस दायर कर दिया। हाइकोर्ट ने वर्ष 2014 में प्रवक्ता कैडर की सीनियरटी को स्टे किया हुआ है। प्रवक्ताओं का आरोप है कि पात्रता न होने के बावजूद विभाग ने कुछ प्रवक्ताओं को प्रमोशन दिए हैं।
इधर, राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने कहा कि प्रमोशन के समाधान के लिए कुछ शिक्षकों ने केस वापस पर सहमति दे दी है, इसकी औपचारिक प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।