मध्यप्रदेश की तर्ज पर उत्तराखंड में भी पत्रकार स्वास्थ्य एवं दुर्घटना समूह बीमा योजना की माँग
देहरादून। उत्तराखण्ड के मीडियाकर्मियों की प्रमुख राज्यस्तरीय पंजीकृत संस्था नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (एनयूजे) ने मध्य प्रदेश पैटर्न पर उत्तराखण्ड में भी पत्रकार स्वास्थ्य एवं दुर्घटना समूह बीमा योजना लागू करने की मांग की है।
यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष त्रिलोक चन्द्र भट्ट ने यूनियन की ओर से राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, सचिव (सूचना) एवं महानिदेशक सूचना एवं लोक संपर्क विभाग को भेजे पत्र में कहा है कि पूरी दुनियां में पत्रकारों का काम अत्यंत जोखिम भरा है। उनके साथ कभी भी, और कहीं भी हादसे हो सकते हैं। ऐसे में उनके दुख-दर्द और पेरशानियों में खड़े होकर मदद करना और परेशानियों से पत्रकारों को मुक्त करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की भी है। श्री भट्ट ने कहा है कि उसी के दृष्टिगत उत्तराखण्ड के पत्रकारों और कैमरामैनों के लिए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2019-2020 में अपने राज्य में शुरू की गई पत्रकार स्वास्थ्य एवं दुर्घटना समूह बीमा योजना का अनुसरण यहां भी किया जाना चाहिए।
श्री भट्ट द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और शासन के अधिकारियों को पत्र भेजकर अवगत कराया गया है कि इस बीमा योजना के तहत मध्य प्रदेश में पत्रकारों को स्वास्थ्य बीमा हेतु 4 लाख रुपये और दुर्घटना बीमा होने पर 10 लाख रुपये तक का बीमा कवर दिये जाने का प्रावधान किया गया है। योजना के तहत 2 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा एवं 5 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा भी करवा जा सकता है। बीमा योजना में पत्नी बच्चे एवं माता पिता को अतिरिक्त निर्धारित प्रीमियम देने के लिए शामिल किये जाने की भी व्यवस्था है। मध्य प्रदेश बीमा योजना में 21 साल से 70 साल के पत्रकार, फोटोग्राफर और कैमरामैन को बीमा देने का प्रावधान है। इस योजना के तहत मिलने वाला बीमा 1 साल तक मान्य होता है। जिससे मध्य प्रदेश में हजारों पत्रकार लाभान्वित हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा लागू इस बीमा योजना में आयु 21 वर्ष से 60 वर्ष तक के प्रेस कर्मचारियों को प्रीमियम राशि 25 प्रतिशत देनी होती है जबकि शेष 75 प्रतिशत राशि राज्य सरकार द्वारा दी जाती है। इसी तरह 60 वर्ष की आयु से अधिक के प्रेस कर्मचारियों के लिए 15 प्रतिशत और सरकार के लिए 85 प्रतिशत राशि का भुगतान करने की व्यवस्था है। नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स ने कहा है कि राज्य सभी तरह के पत्रकारों, छायाकारों, लेखकों आदि को इस योजना में कवर किया जाना चाहिये।