तानाशाही : महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन करने की खौफनाक सजा: 29 बच्चों को 90 दिनों तक नहीं दिया भोजन, अब मिलेगी मौत
अबुजा । महंगाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने पर एक पश्चिम अफ्रीकी देश बच्चों को इतनी खौफनाक सजा देने जा रहा है, जिसे सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। पहले तो बच्चों को 90 दिनों तक बिना भोजन के हिरासत में रखा गया। अब उनको मौत की सजा देने की आशंका जाहिर की जा रही है। बता दें कि नाइजीरिया में बेतहाशा बढ़ती महंगाई के खिलाफ भारी संख्या में लोगों ने प्रदर्शन किया था। इस विरोध प्रदर्शन में 29 बच्चे भी शामिल थे। उन्हें शुक्रवार को सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का आरोपी बनाया गया। अब इस मामले में दोषी पाए जाने पर उन्हें मौत की सजा दी जा सकती है।
अदालत में अपनी दलील रखने से पहले उनमें से 4 बच्चे थकावट के कारण बेहोश होकर गिर गए थे। समाचार एजेंसी ‘एसोसिएटेड प्रेस’ द्वारा देखे गए आरोप पत्र के अनुसार, नाइजीरिया में बेतहाशा बढ़ती महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए कुल 76 प्रदर्शनकारियों पर 10 संगीन आरोप लगाए गए, जिनमें राजद्रोह, संपत्ति को नष्ट करना, उपद्रव मचाना और विद्रोह करना शामिल हैं। आरोप पत्र के अनुसार, नाबालिगों की उम्र 14 से 17 वर्ष के बीच है। नाइजीरिया में जीवन जीने की लागत बढऩे के कारण हाल के महीनों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए हैं।
नौकरियों की मांग करने पर 20 लोगों को मार दी थी गोली
आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे कि युवाओं के लिए बेहतर अवसरों और नौकरियों की मांग को लेकर अगस्त में हुए प्रदर्शन के दौरान कम से कम 20 लोगों को गोली मार दी गई थी। इससे उनकी मौत हो गई थी और सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था। नाइजीरिया में मृत्युदंड की सजा 1970 के दशक में शुरू की गई थी, लेकिन 2016 के बाद से देश में किसी को भी मौत की सजा नहीं दी गई। अबुजा के एक निजी वकील अकिंतयो बालोगन ने कहा कि बाल अधिकार अधिनियम के तहत किसी भी बच्चे के खिलाफ अपराधिक कार्यवाही नहीं की जा सकती और न ही उसे मौत की सजा दी जा सकती है।
90 दिनों से बच्चों को नहीं दिया भोजन
बालोगन ने कहा, ‘‘इसलिए नाबालिगों को संघीय उच्च न्यायालय के समक्ष पेश करना ही गलत है।’
’प्रदर्शन में शामिल कुछ लडक़ों की पैरवी करने वाले वकील मार्शल अबूबकर ने बताया कि अदालत ने अंतत: प्रत्येक प्रतिवादी को जमानत दे दी तथा उन पर कठोर शर्तें लगाई हैं। अबूबकर ने कहा, ‘‘एक ऐसा देश जिसका कर्तव्य अपने बच्चों को शिक्षित करना है, वह इन बच्चों को दंडित करने का फैसला करेगा। ये बच्चे 90 दिनों से बिना भोजन के हिरासत में हैं।