November 9, 2024

दुःखद खबर : रणकुड़ी अग्निकांड के 11 झुलसे ग्रामीणों में 4 की दर्दनाक मौत, गाँव मे पसरा मातम, द्योनाई घाटी में शोक की लहर

बागेश्वर गरुड । : धनतेरस की रात बागेश्वर के गरुड़ ब्लॉक के रणकुड़ी गांव में आग से झुलसे ग्यारह ग्रामीणों में से चार ग्रामीणों की उपचार के दौरान ऋषिकेश एम्स व इंद्रेश हॉस्पिटल देहरादून में मौत हो गई है।
यह दुःखद सूचना मिलते ही गांव में शोक की लहर दौड़ गई। मृतकों के स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। शोकाकुल ग्रामीण इस घटना के मंजर को याद कर आज भी दहशत में हैं।
बता दे कि धनतेरस की रात राजस्व पुलिस क्षेत्र नौगांव के अंतर्गत रणकुड़ी गांव में नशे में धुत आरोपी कुंदन नाथ ने नारायण गिरी के घर में गैस सिलिंडर का रेगुलेटर खोलकर आग लगा दी थी, तब ग्यारह लोग आग से झुलसकर घायल हो गए थे। एक घायल को सीएचसी बैजनाथ में प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी थी। शेष घायलों को जिला अस्पताल बागेश्वर और फिर सुशीला तिवारी हल्दवानी रेफर कर दिया गया था।
उसके बाद चार घायलों को ऋषिकेश एम्स रेफर व पांच घायलों को इंद्रेश हॉस्पिटल देहरादून रेफर किया गया। उपचार के दौरान भगवती देवी पत्नी मदन नाथ उम्र 65 वर्ष ने ऋषिकेश एम्स व जीवन गिरी पुत्र नारायण गिरी उम्र 22 वर्ष, विनोद गिरी पुत्र नारायण गिरी उम्र 21 वर्ष, मुन्नी देवी पत्नी नारायण गिरी उम्र 42 वर्ष ने बुधवार की देर रात्रि इंद्रेश हॉस्पिटल देहरादून में दम तोड़ दिया।
मुन्नी देवी के शव को कल देर रात एम्बुलेंस द्वारा उनके गाँव लाया गया और आज उसकी अंतेष्टि की गई।

घायलों की मौत की खबर सुनते ही गांव में कोहराम मच गया। स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। राजस्व उप निरीक्षक कुंदन मेहता ने भी ग्रामीणों के मौत की पुष्टि की।

राजस्व उप निरीक्षक कुंदन मेहता से जब आखरीआंख डिजिटल मीडिया ने यह जानना चाहा कि आरोपी कुंदन नाथ जिसपर पहले ही धारा 109 हत्या का प्रयास जैसी अनेको संगीन धाराएं एफआईआर में लगी हुई हैं । अब इस कांड में 4 मौते हो जाने पर प्रशासन क्या कार्यवाही कर रहा हैं या उसमे अब कौन सी नई धाराएं जोड़ी जाएगी। उन्होंने बताया कि अभी उनके पास पीएम रिपोर्ट नही पहुँची हैं रिपोर्ट मिलते ही आगे की कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
ग्रामीणों ने बताया कि अन्य घायलों की हालत भी गंभीर बनी हुई है।
ग्रामवासीयो ने बताया कि नारायण गिरी के परिवार पर कहर टूट पड़ा है उसकी पत्नी व दोनों जवान पुत्र मौत के मुंह मे समा गए है।
क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने शासन प्रशासन से दूरस्थ गावो में बेहतर सुरक्षा के प्रबंधन की माँग करते हुए कहा हैं कि शराब के नशे में धुत एक शराबी द्वारा बेखौफ होकर एक पूरा परिवार ही उजाड़ दिया गया है। द्योनाई घाटी के इतिहास में यह ह्रदय विदारक विभत्स घटना हमेशा पीढ़ियों तक हमारे समाज मे घर कर चुकी शराब की इस काली करतूत को भूल नही पायेगी। जिसने हमारे घर के चिरागों को हमेशा हमेशा के लिए बुझा दिया।
प्रायः देखने मे आता हैं कि राजस्व ग्रामों में अक्सर रात्री समय शराबी बेखोफ होकर गाली गलौज करते रहते हैं। वही यदि गाँव रेगुलर पुलिस के अंतर्गत आता हैं तो अपराधी में हर समय पुलिस का भय बना रहता हैं। जिससे इतने बड़े कांड घटित होने की गुंजाइश कम रहती हैं। ग्रामीणों की सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखकर हाई कोर्ट द्वारा उत्तराखंड सरकार को प्रदेश के समस्त गावो को अतिशीघ्र राजस्व पुलिस से रेगुलर पुलिस के हवाले किये जाने का आदेश दिया गया था। जिसे आजतक उत्तराखंड सरकार अमलीजामा पहनाने में असफल सिद्ध हुई हैं।
आज द्योनाई घाटी में इस बेहद दर्दनाक व दुःखद खबर के मिलने पर दर्जा राज्य मंत्री शिव सिंह बिष्ट, पूर्व विधायक कपकोट ललित फर्स्वाण, ग्राम प्रधान चंद्रकला, राजेंद्र सिंह किरमोलिया, हरीश जीना, मोहन नाथ, कृष्णा पाण्डे सहित अर्जुन राणा पत्रकार, पन नाथ, शम्भू नाथ गोस्वामी, गंगा नाथ , अमर नाथ ,किसन गिरी, राजेन्द्र डसीला, संजय कांडपाल, मदन कांडपाल, ,दुलाप सिंह बोरा , कैलाश बोरा, भरत राम , मंगल राणा ,किसन बोरा, किसन राणा व अनेक जनप्रतिनिधियों व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने गहरा दुःख प्रकट किया है।