चार आरोपियों के खिलाफ केस, 3 हुए बरी, पीडि़त परिवार से मिले राहुल गांधी, हाथरस बलात्कार मामला
नई दिल्ली । कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को 19 साल की उस लडक़ी के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की, जिसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था और 29 सितंबर 2020 में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी.
इतना ही नहीं 30 सितंबर को उसके घर के पास ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया. मृतक लडक़ी के परिवार ने आरोप लगाया कि पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने में देरी की और जल्दबाजी में उसका अंतिम संस्कार कर दिया. इतना ही नहीं इस दौरान पुलिस ने उन्हें घर में बंद कर दिया था.
हालांकि, स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने कहा कि देह संस्कार परिवार की इच्छा के अनुसार किया गया था. मामले से निपटने के तरीके को लेकर आलोचनाओं का सामना करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की. देशव्यापी आक्रोश के बीच 10 अक्टूबर को सीबीआई ने अपनी जांच शुरू की.
सीबीआई ने मामले में चार लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 (रेप), 376 ए (पीडि़ता की मृत्यु या उसे अचेत अवस्था में छोड़ देना), 376 डी (गैंग रेप) और 302 (हत्या) के साथ-साथ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की धारा 3(2) (वी) (एससी/एसटी के खिलाफ अपराध) के तहत बलात्कार और हत्या का आरोप लगाया था.
उस समय तक आरोपी पहले ही गिरफ़्तार हो चुके थे. इसके बाद हाथरस की एससी/एसटी अदालत में चार लोगों- संदीप, रामू, लवकुश और रवि के खिलाफ हत्या के प्रयास, गैंग रेप और एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के उल्लंघन के
आरोपों के तहत मुकदमा शुरू हुआ.
2 मार्च 2023 को उत्तर प्रदेश की एक अदालत ने 2020 के हाथरस मामले में आरोपी चार में से तीन को बरी कर दिया. रिपोर्टों के अनुसार, संदीप सिसोदिया को गैर इरादतन हत्या और एससी/एसटी अधिनियम की धाराओं के तहत दोषी पाया गया, लेकिन उसे रेप के आरोप से बरी कर दिया गया.
मामले में तीन आरोपियों को निर्दोष पाया गया और लगभग दो साल की सजा काटने के बाद उन्हें अलीगढ़ जिला जेल से रिहा कर दिया गया. परिवार के सदस्यों का कहना है कि वे उनसे किए गए वादों के पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं, जिसमें हाथरस से दूर , बेहतर होगा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में एक घर और नौकरी शामिल है.