ऋण अदायगी के नाम पर किसानों का शोषण बंद करने को कमिश्नर से गुहार
हल्द्वानी । पर्वतीय किसानों के शिष्टमंडल ने ऋण अदायगी में शोषण का आरोप लगाते हुए सोमवार को कुमाऊं कमिश्नर को ज्ञापन दिया। शिष्टमंडल का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस कमेटी नैनीताल के जिलाध्यक्ष राहुल छिमवाल ने कहा कि सहकारी समितियां फसली ऋण अदायगी के नाम पर किसानों का शोषण कर रही हैं। साल भर में दो बार ऋण आदायगी का आदेश है, जबकि विगत वर्षों में ऋण अदायगी साल में एक बार ही होती थी। किसान नेता मनोज शर्मा ने कहा कि सहकारी समितियों का यह आदेश पर्वतीय किसानों के साथ अन्याय है। जीवन सिंह कार्की ने कहा कि पर्वतीय किसानों की नगदी फसल ही साल भर में एक बार होती है। जब किसान फसल बेचेंगे तभी तो ऋण अदायगी कर पाएंगे। सुहैल सिद्दीकी ने कहा कि सरकार एक तरफ किसानों कि आय दोगुनी करने का दम्भ भरती है, दूसरी तरफ यह रवैया सरकार की दोहरी नीति को प्रदर्शित करता है। किसानों ने मामले में ठोस कार्रवाई की मांग की है। कमिश्नर दीपक रावत ने मामले में ठोस कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। इस दौरान प्रकाश पांडे, नरेश अग्रवाल, राजेंद्र सिंह बिष्ट (रज्जी), रुद्राक्ष बिष्ट, प्रताप सिंह बर्गली, खिवराज सिंह बिष्ट, दीप चंद्र पाठक, बहादुर सिंह बिष्ट, राजू बिष्ट, गोपाल सिंह बिष्ट, प्रेमा बिष्ट, जमन सिंह बिष्ट, नंदन सिंह बिष्ट, दीवान सिंह नेगी, रवि गुरुरानी आदि मौजूद रहे।