भगदड़ के 2 दिन बाद पोस्टमार्टम हाउस के बाहर लगे 24 अज्ञात मृतकों के पोस्टर

प्रयागराज । महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर भगदड़ हुई। इसके बाद भगदड़ को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में अधिकारियों ने बताया कि महाकुंभ भगदड़ हादसे में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 60 घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। मरने वालों में 25 की पहचान कर ली गई है और पांच अज्ञात है। अब 2 दिन बाद प्रशासन की ओर से 24 अज्ञात मृतकों के चेहरे के पोस्टर लगा दिए गए हैं। इन पोस्टर से परिजन मृतकों की पहचान की कोशिश कर रहे हैं। पोस्टमार्टमहाउस के बाहर लगे इस पोस्टरों से अब कई तरह के सवाल खड़े होने लगे हैं। उधर, भगदड़ में मामले की न्यायिक जांच शुरू हो गई है। आज न्यायिक आयोग के सदस्य आज मौके पर पहुंच कर मौके का जायजा लेंगे।
मौनी अमावस्या की मध्य रात्रि के बाद संगम नोज पर हुई भगदड़ में कई ऐसे लोग हैं, जिनके परिजन अपनों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। हादसे के बाद से लोगों के मोबाइल बंद होने से परेशानी अधिक हो रही है। परिजन अपनों की जानकारी के लिए परेड ग्राउंड स्थित केंद्रीय अस्पताल पहुंच रहे हैं लेकिन वहां परिजनों के बारे में पुख्ता जानकारी न मिलने के कारण वहां से एसआरएन अस्पताल और एसआरएन से मेडिकल कॉलेज का चक्कर लगाते रहे। झांसी के सरमऊ के रहने वाले शिशुपाल ने बताया कि उनके पिता 58 वर्षीय महेश यादव का मंगलवार से कोई पता नहीं चल रहा है। वह 27 जनवरी को संगम आए थे। घर वालों ने खोया-पाया केंद्र से भी सूचना प्रसारित कराई लेकिन नहीं मिल रहे हैं। गुरुवार को दोपहर केंद्रीय अस्पताल पहुंचे महाराष्ट्र के भंडारा जिले की शीला मंडल और कपिल मंडल ने बताया कि उनके पिता 70 वर्षीय विष्णुपदा से मंगलवार रात से संपर्क नहीं हो रहा है।
हादसे के 41 घायलों को बुधवार को प्राथमिक उपचार के बाद महाकुंभ के केंद्रीय अस्पताल से शहर के स्वरूप रानी नेहरू चिकित्सालय (एसआरएन) के लिए रेफर कर दिया गया था, जहां इनका उपचार चल रहा है। हालत में सुधार होने पर 4 घायलों को छुट्टी दे दी गई है जबकि बाकी का इलाज चल रहा है। अस्पताल में हो रहे इलाज और वहां की व्यवस्था से घायल व उनके परिजन संतुष्ट दिखे। अस्पताल के ट्रामा सेंटर और नए भवन के वार्ड चार में हादसे में घायलों को भर्ती किया गया है। महाकुम्भ के मद्देनजर बनाए गए विशेष वार्ड में हर बेड पर नई चादरें बिछाई गई हैं। सभी बेड के पास सेंट्रलाइज्ड ऑक्सीजन पाइप लगा है। मरीजों की 24 घंटे निगरानी के लिए युवा पैरा मेडिकल स्टाफ की टीम लगी है। अस्पताल में भर्ती हादसे में घायल लोगों ने इलाज की तारीफ की।