September 8, 2024

आपदा न्यूनीकरण का एक दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन

 

बागेश्वर ( आखरीआंख समाचार ) प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए आपदा न्यूनीकरण हेतु आर्इ0आर0एस0 (इन्सीडेंट रिस्पोन्स सिस्टम) की एक दिवसीय प्रशिक्षण राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण एवं जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के तत्वावधान् में कलैक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी रंजना राजगुरू की अध्यक्षता में कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण से आये आपदा प्रबन्धन एवं प्रशिक्षण विशेषज्ञ बी0बी0गणनायक ने जनपद के आपदा के दौरान तैनात किये गये अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया।
एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में उपस्थित अधिकारियों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी रंजना राजगुरू ने कहा कि प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए जनपद स्तरीय कार्ययोजना तैयार की गयी है जिसमें आपदा प्रबन्धन अधिनियम 2005 एन0डी0एम0ए0 द्वारा प्रतिवादित इन्सीडेंट रिस्पोन्स सिस्टम (आर्इ0आर0एस0) के अन्तर्गत जनपद स्तर पर टीमों का गठन किया गया है। जिसका उद्देश्य आपदा संबंधी कार्यों में एकरूपता व समन्वय स्थापित किये जाने के उद्देश्य से जनपद स्तर पर व तहसील स्तर पर आपदा संबंधी कार्यों के लिए उत्तरदायी समस्त अधिकारियों को आर्इ0आर0एस0 के विभिन्न पक्षों की जानकारी दिये जाने हेतु बी0बी0 गणनायक विशेषज्ञ आर्इ0आर0एस0 द्वारा सभी अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों से कहा कि उनके द्वारा आपदा के संबंध में जो भी जानकारी एवं प्रशिक्षण दिया जा रहा है उसका सभी अधिकारी गम्भीरता से समझते हुए प्रशिक्षण प्राप्त करें ताकि प्राकृतिक आपदा जैसी घटना होने पर उससे निपटने के लिए तत्काल आवश्यक कार्यवाही की जा सके। उन्होंने कहा कि जनपद संवेदनशील है जिसमें अधिक वर्षा, भूकम्प एवं भूस्खलन जैसी घटना होने पर इसके लिए तत्काल बचाव एवं सुरक्षा की कार्यवाही की जा सके ताकि आपदा से होने वाले नुकशान को कम किया जा सके।
एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला को संबोधित करते हुए आपदा प्रबन्धन के विशेषज्ञ बी0बी0गणनायक ने उपस्थित अधिकारियों से कहा कि आपदा प्रबन्धन के अंतर्गत जनपद में सेवन डैस्क प्रणाली क्रियान्वित थी वर्ष 2013 की आपदा के पश्चात् आपदा के दौरान किये गये कायोर्ं आदि के पश्चात् उक्त आपदा के दौरान हुये अनुभवों के आधार पर सेवन डैस्क प्रणाली के स्थान पर जनपदस्तर पर आर्इ0आर0एस0 सिस्टम लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि आर्इ0आर0एस0 सिस्टम के अंतर्गत किसी भी आपदा/घटनास्थल से तुरन्त सूचना प्राप्त होने के साथ ही त्वरित कार्यवाही, कम से कम समय पर राहत, बचाव आदि कार्य प्रारम्भ हो सके इस हेतु प्रत्येक ग्रामीण स्तर पर कार्यरत सरकारी विभागों के कार्मिकों को जिम्मेदारी देते हुए प्रशिक्षण दिया जा रहा है उन्होंने कहा कि सरकारी तंत्र को और अधिक संवेदनशील व मजबूत करने हेतु इस प्रणाली के अंतर्गत ग्राम स्तर पर तैनात कर्मचारियों को भी आर्इ0आर0एस0 सिस्टम के तहत जिम्मेदारी देने के साथ ही इन्हें आपदा राहत बचाव के संबंध में उचित प्रशिक्षण दिया जायेगा ताकि किसी भी आपदा के तुरन्त बाद आर्इ0आर0एस0प्रणाली के अंतर्गत यह सफलतापूर्वक अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए राहत बचाव आदि कार्य कर सकें। इसके अतिरिक्त उक्त प्रणाली के अंतर्गत विभिन्न व्यवस्थाओं का निर्धारण करते हुए संबंधितों को दायित्व एवं जिम्मेदारी सौंपी गयी है। उन्होंने कहा कि आर्इ0आर0एस0 प्रणाली के अंतर्गत राज्य स्तर पर मुख्य सचिव, जिला स्तर पर जिलाधिकारी को रिस्पोनसिपल अधिकारी नामित किया गया है। उन्होंने कहा कि आपदा अधिनियम 2005 के अंतर्गत आपदा के अंतर्गत जिलाधिकारी को अनेक अधिकार प्राप्त है उसके प्राविधानों के संबंध में भी श्री गणनायक द्वारा जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आपदा के समय मुख्य रूप से संचार व्यवस्था एवं आपासी समंजस्य की अत्यन्त आवश्यकता है। कार्यशाला में श्री गणनायक ने ऑपरेशन सैक्शन, प्लानिंग सैक्शन, कम्यूनिकशन यूनिट, मेडिकल यूनिट, फूड यूनिट, रेस्टोरेशन यूनिट, फाइनेंस सैक्शन लजिस्टीक सैक्शन, स्टेजिंग ऐरिया, रिसपोन्स बा्रंच, ट्रासर्पोटेनेशन ब्रांच, डक्यूमैंटेशन यूनिट, लाइजन आफीसर, सैफटी आफिसर आदि के द्वारा आपदा के समय किये जाने वाले कायोर्ं व उनके दायित्वों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी एवं उक्त कार्यवाही के संबंध में विभिन्न प्रारूप के माध्यम से विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने आपदा के दौरान बाहरी ऐजंसियों, सेना, आर्इटीबीपी, एस0एस0बी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ आदि के द्वारा प्रभावी क्षेत्रों में किस प्रकार से कार्य किया जायेगा तथा उन्हें प्रभावित क्षेत्रों में कैसे भेजा जायेगा उक्त संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गयी। उन्होंने आपदा के समय आपदा के प्रभावों को कम किये जाने त्वरित कार्यवाही, राहत बचाव आदि कायोर्ं के संबंधों में उपस्थित अधिकारियों को विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आर्इ0आर0एस0 सिस्टम के अंतर्गत प्रत्येक अधिकारी को विभिन्न दायित्व सौंपे गये है ताकि वह किसी भी आपदा के समय कुशलतापूर्वक अपने दायित्वों का निर्वहन कर सके। उन्होंने अवगत कराया कि आर्इ0आर0एस0 प्रणाली के अंतर्गत आपदा राहत बचाव कायोर्ं में सामुदायिक सहभागिता हेतु विभिन्न स्वंयसेवी संगठनों आदि को भी इसमें शामिल किया जा रहा है।
कार्यशाला में पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह, उप जिलाधिकारी राकेश चन्द्र तिवारी, पुलिस उपाधीक्षक महेश जोशी, जिला विकास अधिकारी के.एन.तिवारी, वरिष्ठ कोषाधिकारी नीतू भण्डारी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ0 उदय शंकर, मुख्य शिक्षा अधिकारी हरीश चन्द्र सिंह रावत, मुख्य कृषि अधिकारी बी.पी.मौर्य, जिला उद्यान अधिकारी तेजपाल सिंह, जिला पंचायत राज अधिकारी पूनम पाठक, आपदा प्रबन्धन अधिकारी शिखा सुयाल सहित जनपदस्तरीय अधिकारी आदि उपस्थित थे।