गरुड में सिंचाई की मार: पंप और नहर के बावजूद नहीं मिल रहा पानी, गांव की महिलाओं ने जताया आक्रोश

बागेश्वर (गरुड़) । जिला बागेश्वर के गरुड़ क्षेत्र स्थित पाये गांव में किसानों की खेतीबाड़ी इस बार बिन पानी के सूखने की कगार पर पहुंच गई है। विडंबना यह है कि गांव में सिंचाई के लिए नहर भी है और पंप सेट भी, फिर भी खेतों तक पानी नहीं पहुंच रहा है। इससे आक्रोशित ग्रामीण महिलाएं शुक्रवार को सड़कों पर उतर आईं और सिंचाई विभाग कार्यालय में दो घंटे तक जोरदार धरना प्रदर्शन कर अपनी पीड़ा जताई।
पाये गांव में करीब 75 परिवार निवास करते हैं, जिनमें अधिकांश लोग कृषि पर निर्भर हैं। गांव की लगभग 300 नाली भूमि पर धान, मडुवा, गेहूं जैसे परंपरागत फसलें उगाई जाती हैं। खेतों की सिंचाई के लिए गरुड़गंगा नदी से नहर बनाई गई है और उसी के किनारे एक पंप सेट भी स्थापित किया गया है। लेकिन सारी व्यवस्थाएं केवल कागजों में सजी-संवरी लगती हैं, क्योंकि हकीकत में किसान पानी के लिए तरस रहे हैं।
आषाढ़ बीत रहा है, खेत सूख रहे हैं
धान की रोपाई का समय बीतने को है। इस वक्त खेतों में पानी की सबसे अधिक आवश्यकता होती है, लेकिन नहरें सूखी हैं और पंप सेट से पानी खेतों तक नहीं पहुंच पा रहा है। स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि किसानों द्वारा तैयार की गई धान की नर्सरी भी सूखने लगी है। नर्सरी के पौधे मुरझा रहे हैं, जिससे रोपाई संकट में आ गई है। अगर जल्द ही सिंचाई की व्यवस्था नहीं हुई, तो इस बार खेतों में फसल का उत्पादन ना के बराबर रहेगा।
महिलाओं का आक्रोश फूटा, चेताया आंदोलन का बिगुल
गांव की दर्जनों महिलाएं शुक्रवार सुबह सिंचाई विभाग कार्यालय पहुंचीं और वहां दो घंटे तक धरना दिया। इस दौरान उन्होंने नारेबाजी कर विभागीय अधिकारियों को जगाने का प्रयास किया। महिलाओं का कहना है कि अधिकारियों ने कई बार आश्वासन दिए, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
धरने में शामिल महिलाओं ने बताया कि यदि जल्द समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगी।
उन्होंने यह भी बताया कि इस कार्यालय में जब से हम यहाँ नारेबाजी कर रहे हैं कोई भी अधिकारी/कर्मचारी 2 घण्टे से नजर नही आ रहे है हम अपनी ब्यथा किसे कहे ?
उनका कहना था कि यह केवल पानी की समस्या नहीं, बल्कि पूरे गांव के भविष्य से जुड़ा सवाल है।
धरने में ये महिलाएं रहीं शामिल
धरने में गांव की प्रेमा देवी, आशा देवी, सुनीता नेगी, पूजा बिष्ट, माया, प्रेमा नेगी, रेखा देवी, कमला देवी, पुष्पा देवी, भागीरथी देवी, पूजा नेगी सहित कई महिलाएं मौजूद रहीं। सभी ने एक सुर में सिंचाई व्यवस्था को तत्काल दुरुस्त करने की मांग की।
अब सवाल यह है कि जब सरकार और प्रशासन की ओर से योजनाएं बनाई जा चुकी हैं, संसाधन उपलब्ध हैं, फिर किसानों को उनका लाभ क्यों नहीं मिल रहा है? यह न केवल सरकारी मशीनरी की निष्क्रियता को दर्शाता है, बल्कि ग्रामीण भारत में आज भी किसानों की उपेक्षा की कड़वी सच्चाई को उजागर करता है।
ग्रामीणों की मांग है कि सिंचाई व्यवस्था को सुचारु किया जाए, नहरों की सफाई और मरम्मत हो, और पंप सेट को तत्काल क्रियाशील बनाया जाए, ताकि गांव की सैकड़ों नाली भूमि पर एक बार फिर हरियाली लौट सके।