भाजपा राज में खाद संकट, किसान असुरक्षित और लोकतंत्र खतरे में : अखिलेश यादव
लखनऊ । समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि प्रदेश में किसान खाद के लिए दर-दर भटक रहे हैं। पूरे प्रदेश में खाद का गहरा संकट है। कई जिलों में बुजुर्ग किसानों की लाइन में खड़े-खड़े मौत तक हो चुकी है, लेकिन सरकार ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया। खाद संकट के लिए पूरी तरह भाजपा सरकार जिम्मेदार है।उन्होंने कहा कि किसानों पर चौतरफा संकट मंडरा रहा है। एक ओर फसलों के लिए खाद नहीं है तो दूसरी ओर जंगलों से सटे जिलों में जंगली जानवरों के हमलों से किसानों और ग्रामीणों की जान जा रही है। बिजनौर, पीलीभीत, लखीमपुर, सीतापुर और बलरामपुर में गुलदार, भेड़िया और बाघ के हमलों से किसानों और बच्चों की मौतें हो चुकी हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी लगातार सदन से सड़क तक किसानों की आवाज उठा रही है, लेकिन भाजपा सरकार को सुनाई ही नहीं दे रहा। ऐसा लगता है कि प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज ही नहीं बची।रविवार को सपा मुख्यालय, लखनऊ में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि स्कूलों को बंद करने और उनके मर्जर पर सरकार ने विधान सभा में झूठा दावा किया था कि कोई स्कूल बंद नहीं होगा, लेकिन जमीन पर सच्चाई सामने है कि बंद किए गए स्कूल अब तक नहीं खुले। यही इस सरकार का चरित्र है—झूठ और केवल झूठ।उन्होंने कहा कि सरकार अब पीडीए पाठशालाओं में पढ़ने वाले बच्चों और उनके अभिभावकों को भी निशाना बना रही है और उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज करने की तैयारी हो रही है। यह भाजपा का उत्पीड़न और अन्याय है।चुनाव और वोटिंग की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा वोट चोरी करती है और लोकतंत्र की हत्या कर रही है। उन्होंने कहा कि वोट बनवाना, उसे जोड़वाना, मतदान कराना और गिनती तक में नजर रखना अब कार्यकर्ताओं और जनता की बड़ी जिम्मेदारी बन गई है। उन्होंने खुलासा किया कि 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने शपथपत्र देकर बताया था कि 18 हजार वोटर लिस्ट से नाम गलत तरीके से काटे गए, लेकिन अभी तक महज 14 मामलों की जांच हुई। अखिलेश ने सवाल किया कि अगर मतदाताओं को मृत दिखाया गया तो उनका मृत्यु प्रमाणपत्र कहां है?नए विधेयक पर प्रतिक्रिया देते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि यह सिर्फ क्षेत्रीय दलों को कमजोर करने और नेताओं को झूठे मुकदमों में फंसाने का षडयंत्र है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और अपने नेताओं के मुकदमे वापस ले लिए, जबकि सपा नेताओं जैसे आजम खां, रमाकांत यादव और इरफान सोलंकी को फर्जी मामलों में जेल भेज दिया।सपा से निष्कासित विधायक पूजा पाल के आरोपों पर अखिलेश यादव ने कहा कि यह समझ से परे है कि जो मुख्यमंत्री से मिल रहा हो, उसे समाजवादी पार्टी से खतरा कैसे हो सकता है। उन्होंने कहा कि सपा प्रदेश अध्यक्ष ने इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखा है क्योंकि राज्य सरकार
पर भरोसा नहीं किया जा सकता।अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार का कामकाज पूरी तरह विफल है। भाजपा कार्यकर्ता जमीन कब्जा, तालाब हड़पने और अपराध-भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, लेकिन उनके खिलाफ कभी बुलडोजर नहीं चलता। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे चुनाव करीब आएगा, भाजपा कार्यकर्ताओं के हाथ में जूता ही रह जाएगा।उन्होंने कहा कि जनता अब पीडीए के साथ है और बदलाव चाहती है। सपा का संकल्प है कि भाजपा की अन्यायी और भ्रष्टाचारी सत्ता को उखाड़ फेंका जाएगा। उन्होंने कहा कि देश की खुशहाली और समृद्धि समाजवादी विचारधारा, सेकुलरिज्म और लोकतांत्रिक व्यवस्था से ही संभव है। संवैधानिक संस्थाओं को मजबूत करना होगा, जिन्हें भाजपा लगातार कमजोर कर रही है। भाजपा को सत्ता से बाहर करना ही लोकतंत्र और संविधान बचाने का रास्ता है।
