December 5, 2025

नेपाल में 19 घंटे से जल रहा पीएमओ, सुप्रीम कोर्ट में 60,000 फाइलें जलीं, हथियार लूटे

Kathmandu: An aerial view of smoke rising from the Federal Parliament of Nepal premises after it was set on fire by protestors during massive anti-government protests, in Kathmandu, Nepal, Tuesday, Sept. 9, 2025. Nepal reeled under a serious political crisis on Tuesday as Prime Minister KP Sharma Oli resigned in the face of massive anti-government protests with the demonstrators attacking private residences of several high-profile leaders, headquarters of political parties and even vandalising the parliament, a day after 19 people died in police action against the agitators. (PTI Photo/Abhishek Maharjan) (PTI09_09_2025_000474B)


काठमाण्डू । नेपाल में सोशल मीडिया के प्रतिबंध के खिलाफ शुरू हुआ युवाओं का आंदोलन बुधवार को शांत है, लेकिन मंगलवार को प्रदर्शन हिंसा में बदल गया था, जिसमें कई सरकारी संपत्तियों को आग के हवाले कर दिया गया। काठमांडू में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) यानी सिंह दरबार पिछले 19 घंटे से जल रहा है। यहां की आग बुझाने की अग्निशमन विभाग की कोशिशें नाकाम दिख रही हैं। सुप्रीम कोर्ट में कई विभाग आग में जलने से 60,000 फाइलें जलकर राख हो गईं।
रिपोर्ट के मुताबिक, राणा काल में निर्मित दरबार अभी जल रहा है। दरबार के पश्चिमी हिस्से में आग की लपटे उठ रही हैं। हालांकि, मंत्रालयों की आग बुझ गई है। यहां 40 से अधिक दमकल गाड़ियां लगी हैं, लेकिन 3,500 लीटर क्षमता वाली एक गाड़ी का पानी 10 मिनट में खत्म हो रहा है, लेकिन आग नहीं बुझ रही। जेन-जेड प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार दोपहर 3 बजे दरबार को जलाया था। दरबार परिसर में खड़ी सभी गाड़ियां जल चुकी हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट की आग बुधवार सुबह तक नहीं बुझी है। कर्मचारी दमकल गाड़ियों को भी बुरी तरह असफल बता रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के प्रवक्ता अर्जुन प्रसाद कोइराला ने कहा कि आग में 60,000 केस फाइलें नष्ट हो गई हैं। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के एनेक्सी में अभी आग नहीं पहुंची हैं, जहां पुराने रिकॉर्ड रखे हैं। उन्होंने बताया कि चौथी मंजिल पर स्थित सुप्रीम कोर्ट के सूचना प्रौद्योगिकी प्रभाग का हिस्सा जल गया है।
नेपाली सेना ने बुधवार को प्रदर्शनकारियों से अनुरोध किया है कि मंगलवार को प्रदर्शन के दौरान जो हथियार और गोला-बारूद लूटे गए हैं, उन्हें वापस कर दिया जाए अन्यथा उन पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है। सेना ने कहा कि हथियारों के दुरुपयोग से जान-माल की हानि हो सकती है और सुरक्षा एजेंसी की वर्दी का अनाधिकृत रूप से उपयोग न किया जाए। सेना ने रात में 27 लोगों को हिरासत में लेकर 31 हथियार और गोला-बारूद जब्त किया था।