श्रमिकों ने पररशुराम चौक पर जलाई चार श्रम संहिताओं की प्रतियां
रुद्रपुर । ट्रेड यूनियन ऐक्टू से संबद्ध बजाज मोटर्स कर्मकार यूनियन से जुड़े श्रमिकों ने सोमवार को चार श्रम संहिताओं को लागू किए जाने का विरोध किया। वहीं परशुराम चौक ट्रांजिट कैंप में श्रम संहिताओं की भी प्रतियां जलाई। यूनियन के महामंत्री हीरा सिंह राठौर ने कहा कि जिन चार श्रम संहिताओं को सरकार बहुत अच्छा बता रही है। वे मजदूरों की गुलामी के दस्तावेज हैं। पुराने 44 श्रम कानूनों में जो अधिकार मजदूरों को हासिल थे। उन अधिकारों में कटौती करके सरकार ने नए सिरे से चार श्रम संहिता बना दी हैं। उन्होंने कहा कि नए श्रम संहिताओं में अब कोई भी 300 श्रमिक नियुक्त करने वाला कंपनी मालिक मनमर्जी से जब चाहे तब बिना राज्य सरकार से अनुमति प्राप्त किए कंपनी बंद कर सकता है। पहले श्रम कानूनों में यह सीमा 100 श्रमिक की थी। वहीं भाकपा (माले) के जिला सचिव ललित मटियाली ने कहा कि सरकार देश के हर संसाधन को पूंजीपतियों को सौंप रही है। देश के श्रम बल को पूंजीपतियों का गुलाम बनाने की कोशिश कर रही है। यहां ऐक्टू की अनिता अन्ना, ऐक्टू नगर अध्यक्ष उत्तम दास, यूनियन अध्यक्ष जगमोहन डसीला, हेम दुर्गापाल, विनोद कुमार, महिपाल सिंह , विनोद पंत, नवल, कैलाश कुमार, संजीव कुमार, गुड्डू कुमार, रामकोमल, बबलू सिंह, पुष्कर सिंह, उमा शंकर, संदीप हुड्डा, प्रदीप चंद, प्रकाश चंद्र, ललित लोहनी, राजेंद्र सिंह, अनिल तिवारी, कैलाश जोशी, कैलाश भट्ट, गिरीश रावत, अजय यादव, पंचदेव आदि रहे।
