December 5, 2025

अमेरिका पर मंडराया किम जोंग का खतरा: 48 राज्यों तक मार कर सकती हैं मिसाइलें, नक्शे ने बढ़ाई वाशिंगटन की चिंता


वाशिंगटन । उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की बढ़ती परमाणु और मिसाइल महत्वाकांक्षा ने अब केवल दक्षिण कोरिया और जापान ही नहीं, बल्कि दुनिया की सुपरपावर अमेरिका की भी नींद उड़ा दी है। ‘द न्यूजवीकÓ (ञ्जद्धद्ग हृद्ग2ह्य2द्गद्गद्म) द्वारा जारी किए गए एक नए नक्शे ने चौंकाने वाला खुलासा किया है कि उत्तर कोरिया की मिसाइल रेंज अब इतनी विकसित हो चुकी है कि वह प्रशांत महासागर को पार करते हुए अमेरिका के मुख्य भूभाग  तक पहुंच सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक, किम जोंग उन की घातक मिसाइलें अब अमेरिका के 48 राज्यों को सीधे निशाने पर लेने में सक्षम हैं।
किम जोंग उन संयुक्त राष्ट्र के कड़े प्रतिबंधों को लगातार ठेंगा दिखाते हुए नई और आधुनिक बैलिस्टिक मिसाइलें तैयार कर रहे हैं। ये नई मिसाइलें न केवल लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम हैं, बल्कि इन्हें रडार पर डिटेक्ट करना भी मुश्किल है। उत्तर कोरिया का तर्क है कि अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान के संयुक्त सैन्य अभ्यासों से अपनी रक्षा के लिए उसे इन हथियारों की जरूरत है, लेकिन पश्चिमी देशों के लिए यह एक सीधा अल्टीमेटम है।
उत्तर कोरिया की मिसाइल ताकत को तीन स्तरों पर देखा जा रहा है, जो अब एक वैश्विक चुनौती बन चुकी है:
1. जापान और कोरिया के लिए सिरदर्द (ह्वासोंग-9):
जिसे ‘स्ष्ह्वस्र-श्वक्रÓ भी कहा जाता है, यह मिसाइल 620 मील तक मार कर सकती है। यह पूरे दक्षिण कोरिया और जापान के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से को तबाह करने की क्षमता रखती है। मोबाइल लॉन्चर्स पर तैनात होने के कारण इसे ढूंढना और नष्ट करना बेहद मुश्किल है। यह हाई-एक्सप्लोसिव और केमिकल वारहेड ले जाने में सक्षम है।
2. अमेरिकी सैन्य ठिकाना गुआम निशाने पर (ह्वासोंग-10):
इसे ‘क्चरू-25 मुसुदनÓ के नाम से जाना जाता है। इसकी मारक क्षमता लगभग 2,490 मील है। यह मिसाइल प्रशांत महासागर में स्थित अमेरिका के सबसे महत्वपूर्ण रणनीतिक सैन्य ठिकाने ‘गुआमÓ (त्रह्वड्डद्व) को सीधे निशाना बना सकती है। 2,600 पाउंड का भारी वारहेड ले जाने की क्षमता इसे बेहद घातक बनाती है।
3. अमेरिका के लिए असली खतरा (ह्वासोंग-14):
अमेरिका के लिए सबसे बड़ी चिंता ‘ह्वासोंग-14Ó या ्यहृ-20 है, जो उत्तर कोरिया की पहली अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ढ्ढष्टक्चरू) है। पेलोड के आधार पर यह 6,460 मील तक उड़ सकती है। इसका सीधा मतलब है कि हवाई, अलास्का और अमेरिका का एक बड़ा हिस्सा इसकी जद में है। यही वह हथियार है जिसने उत्तर कोरिया को एक क्षेत्रीय खतरे से बदलकर वैश्विक परमाणु चुनौती बना दिया है।
अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी (ष्ठढ्ढ्र) के आकलन के अनुसार, फिलहाल उत्तर कोरिया के पास ऐसी मिसाइलों की संख्या 10 से कम है जो अमेरिका तक पहुंच सकती हैं। लेकिन जिस रफ्तार से किम जोंग उन अपना जखीरा बढ़ा रहे हैं, अनुमान है कि 2035 तक यह संख्या बढ़कर 50 तक पहुंच जाएगी। यानी आने वाले दशक में उत्तर कोरिया अमेरिका की सुरक्षा के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती बनकर उभरने वाला है।