क्षेत्र पंचायत सदस्यों को हिमाचल की तर्ज पर मिले मानदेय
श्रीनगर गढ़वाल । क्षेत्र पंचायत सदस्यों के लिए अपेक्षित वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार दिए जाने, सदस्यों को हिमाचल प्रदेश के तर्ज पर 9 हजार रुपये का मानदेय सहित अन्य मांगों को लेकर क्षेत्र पंचायत संगठन कीर्तिनगर ने मंगलवार को उपजिलाधिकारी से वार्ता की। क्षेपं सदस्यों ने ज्ञापन प्रेषित करते हुए जल्द मांगों पर सकारात्मक कार्यवाही की मांग की। उपजिलाधिकारी कीर्तिनगर को सौंपे ज्ञापन में कनिष्ठ प्रमुख प्रियंका जायड़ा, क्षेत्र पंचायत सदस्य रानीहाट मनोज कुमार जोशी ने कहा कि सरकार क्षेत्र पंचायतों के प्रति उदासीन रवैया अपना रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के 73वें संशोधन (1992) में त्रि-स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था को वरीयता और संवैधानिक आधार प्रदान किया गया था, जिसमें क्षेत्र पंचायतों को एक महत्वपूर्ण कड़ी माना गया था, जबकि उत्तराखंड पंचायती राज एक्ट, 2016 की धारा 192 में भी मानदेय का प्राविधान विहित है। इसके बावजूद भी क्षेत्र पंचायतों को व्यवस्था से पूर्णतः नजरअंदाज किया गया है। कहा कि पड़ोसी राज्यों जैसे हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार आदि में क्षेत्र पंचायतों को आवश्यक वरीयता तथा सोलह दिन की मासिक बैठकें दी गई हैं, लेकिन उत्तराखंड में इस प्रकार की व्यवस्था लागू नहीं की गई है,जिससे क्षेत्र पंचायत सदस्यों में आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने क्षेत्र पंचायतों के लिए एक निश्चित वित्तीय निधि आवंटित किए जाने, क्षेत्र पंचायतों को हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर 9 हजार रूपये का मानदेह प्रदान करने, विकास कार्य के लिए वार्षिक निधि न्यूनतम 10 लाख रूपये आवंटित किए जाने की मांग की है।सदस्यों ने जल्द मांगों पर सकारात्मक कार्यवाही की मांग की है। मौके पर क्षेत्र पंचायत सदस्य मंजाकोट अंजलि, क्षेत्र पंचायत सदस्य सिरवाड़ी जेएस रावत आदि मौजूद थे।
