दुग्ध सहकारी समितियों के सदस्यों को दुधारू पशु उपलब्ध कराये जायेंगे
देहरादून, ( आखरीआंख ) देहरादून के सुभाष रोड स्थित एक स्थानीय होटल में राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना विषय पर उत्तराखण्ड सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रम में, उपस्थित प्रतिभागियों एवं समूहों से संवाद करते हुए सचिव सहकारिता डाॅ0 आर0 मीनाक्षी सुन्दरम ने कहा की कार्यक्रम का उद्देश्य संकल्प से सिद्धि और 2022 तक किसानों की आय को दो गुना करना है। इसके माध्यम से राज्य के सर्वांगीण विकास एवं ग्रामीण क्षेत्रों से हो रहे पलायन, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन और कृषकों के जीवन में सुधार किया जायेगा। सहकारिता के माध्यम से उत्तराखण्ड राज्य को सशक्त करने के लिए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम, कृषि मंत्रालय भारत सरकार द्वारा राज्य को 3340 करोड़ रू0 की धनराशि स्वीकृत की गई है।
प्राकृतिक सुन्दरता, धार्मिक पर्यटन के साथ साहासिक, योग, ईको पर्यटन के लिए उपयुक्त प्रदेश होते हुए भी उत्तराखण्ड प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित राज्य है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में कृषकों के लिए प्रर्याप्त सिंचाई एवं तकनीक का अभाव है। इसके अतिरिक्त कृषि एवं सहवर्ति उत्पादों के लिए समूचित भण्डारण, विपणन एवं बाजार की सुविधा का अभावा है। प्रदेश में कृषि के सहवर्ति क्षेत्रों में पशुपालन, मत्स्य पालन को व्यवसायिक रूप दिये जाने के आवश्यकता है। इस दृष्टि से यह कार्यक्रम अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होगा। इस परियोजना से कृषि उत्पादों को खेतों से लेकर बाजार तक सुरक्षित पहुचाने में मद्द मिलेगी। इसके अतिरिक्त कृषि औद्यानिक, जड़ी-बूटी, सगंध पौध, होम स्टे एवं ई-मण्डी के समय विकास में मदद मिलेगी।
कार्यक्रम मे जानकारी दी गई कि दुग्ध सहकारी समितियों के सदस्यों को दुधारू पशु उपलब्ध कराये जायेंगे। इस योजना से 5266 पशुपालकों को प्रत्यक्ष रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना में मत्स्य विकास गतिविधियों को भी बढ़ावा दिया जायेगा। इसके लिए ट्राउट फार्मिंग परियोजना संचालित की जायेगी। ट्राउट फार्मिंग हेतु आवश्यक बीज की उपलब्धता हेतु आठ ट्राउट हैचरियों की स्थापना की जायेगी। इसके अन्तर्गत मत्स्य संरक्षण, सवंर्धन, मत्स्य क्रीड़ा और पर्यटन की योजना को बढ़ावा दिया जायेगा। इसका उद्देश्य मछुवा समुदाय को सशक्त कर मेजर कार्प फार्मिंग, पंगेशियस फार्मिंग, प्रदूषण मुक्त तालाब की स्थापना पर बल देना है।
इस कार्यक्रम में ,राज्य सहकारी बैंक अध्यक्ष दान सिंह रावत, राज्य सहकारी संघ अध्यक्ष बृज भूषण गैरोला, शीप एंड वूल बोर्ड मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ अविनाश आनन्द, निदेशक सहकारिता विभाग के के जोशी, उपनिदेशक सहकारिता आनन्द शुक्ला मत्स्य पालन, राज्य सहकारी बैंक, सहकारी प्रबंधन संस्थान, राज्य सहकारी विपणन संघ, आईआईएम, एफआईआर, पंतनगर विश्वविद्यालय, समर्पण संस्था, हार्क, भुवनेश्वरी महिला आश्रम, हैस्को, आइसेप संस्थाओं के प्रतिनिधि के साथ ही पीएचडी चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के मेंटर एस पी कोचर, चेयरमैन वीरेंद्र कालरा, निदेशक अनिल तनेजा, उत्तराखंड इंडस्ट्री वेलफेयर एसोसिएशन के अनिल मारवाह, दिव्य हिमगिरि के संपादक कुँवर राज अस्थाना, बीएड कॉलेज एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील अग्रवाल, मानवाधिकार संरक्षण केंद्र के राजीव वर्मा, वासु, मोनिका डबराल आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन राजीव रंजन ने किया।