किसानों को प्रशिक्षण व भृमण कराया जाना जरूरी : जिलाधिकारी
बागेश्वर ( आखरीआंख ) विकास भवन सभागार में जिलाधिकारी रंजना राजगुरू की अध्यक्षता में आत्मा योजना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन की बैठक संपन्न हुर्इ। बैठक के दौरान मुख्य कृषि अधिकारी ने जिलाधिकारी को वित्तीय वर्ष 201-19 के सफल कार्यो को स्लार्इड शो के माध्यम से दिखाया गया। और बताया कि आतमा योजना के अन्तर्गत पद्रर्शन, प्रशिक्षण, कृषक भ्रमण, फॉर्म फील्ड स्कूल, किसान मेला आदि कार्य किये जाते है।
बैठक के दौरान जिलाधिकारी रंजना राजगुरू ने मुख्य कृषि अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि वे किसानो को प्रशिक्षण गुणवत्ता परक प्रशिक्षण समय से देना सुनिश्चित करें जिससे कृषक कृषि से संबन्धि नर्इ तकनीको से अवगत होकर अपना उत्पादन बढा सकें। उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में किसी भी क्षेत्र मे कार्य करने के लिए नर्इ-नर्इ जानकारी का होना आवश्यक है, इसके लिए किसानों को अलग-अलग जगहों का भ्रमण कराया जाय ताकि वे वहां की नर्इ तकनीक से अवगत होकर उन्नत कृषि कर सकें। जिलाधिकारी ने कीवी की खेती करने पर जोर देते हुए कहा कि यदि यहां के किसान इसकी खेती करते है तो इसमें काफी फायदा है इसके लिए उन्होने कृषि विभाग एवं उद्यान विभाग के अधिकारियों को किसानों को प्रेरित करने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने इस बात पर भी जोर दिया कि जनपद के किसानों के लिए मछली पालन भी एक अच्छा रोजगार हो सकता है इसके लिए उन्होंने मत्स्य अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि मत्स्य पालन को बढावा देने के लिए एक मजबूत रणनीति का निर्माण जल्द से जल्द किया जाय जिसमें किसानों के सुझावों को भी सम्मिलित किया जाय।
जिलाधिकारी ने कहा कि खेती से ही खुशहाली है, खेती करना जीवन का आधार है इसलिए सभी संबन्धित अधिकारी गांवों मे जाकर किसानों को प्रेरित करते हुए उनको उचित प्रशिक्षण व विभाग की विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दें ताकि किसानों के साथ-साथ वहां की युवा पीढी भी नवीन योजनाओं से अवगत होते हुए खेती की ओर अपना रूझान बढा सकें। जिलाधिकारी ने संबन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये कि बैठक में किसानों के द्वारा जो सुझाव दिये गये है उन सुझावो पर गंभीरता से कार्य करते हुए इसका अनुपालन करना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना की समीक्षा के दौरान मुख्य कृषि अधिकारी ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि जनपद बागश्ेवर को वर्ष 2019-20 हेतु राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन मोटे अनाज, राष्टीय खाद्य सुरक्षा मिशन पौष्टिक अनाज, राष्टीय खाद्य सुरक्षा मिशन दलहन, राष्टीय खाद्य सुरक्षा मिशन गेहूॅ आदि घटको को कार्यक्रम में चयनित किया गया है। योजना के घटको में कलस्टर प्रदर्शन में मोटे अनाज हेतु कलस्टर प्रदर्शन 10 हैक्टेयर के कलस्टर प्रदर्शन में मोटे अनाज हेतु रू0 6000 प्रति हैक्टेयर का एक प्रदर्शन मक्का फसल हेतु आंवटित है। जिसे जनपद के विकास खण्ड कपकोट में कराया जा रहा है। तथा किसानों को उपरोक्त कार्यक्रम के अन्तर्गत 10 वर्ष कम उन्नतशील प्रजातियों में मोटे अनाज में रू0 3000 प्रति कुन्टल, पौष्टिक अनाज में रू0 3000 प्रति कुन्टल, दलहन हेतु रू0 500 प्रति कुन्टल तथा गेहूॅ हेतु रू0 2000 प्रति कुन्टल एवं 10 वर्ष से अधिक की प्रजातियों में पौष्टिक अनाज में रू0 3000 प्रति कुन्टल, दलहन हेतु रू0 2500 प्रति कुन्टल तथा गेहूॅ रू0 1000 प्रति कुन्टल के अनुदान की अनुमन्यता के आधार पर उन्नतशील बीज वितरण किया जा रहा है। पौध एवं मृदा प्रबन्धन में किसानों को इसके अन्तर्गत सूक्ष्म पोषण तत्वों, पौध रक्षा रसायनों एवं खरपतवारनाशी के वितरण पर मूल्य का 50 प्रशित अथवा रू0 500 प्रति हैक्टेयर जो भी कम हो का अनुदान अनुमन्य है। कृषि वितरण यंत्र वितरण में किसानो को इसके अन्तर्गत कृषि यंत्र जैसे मानव चलित स्प्रेयर, पावर वीडर, पावर टीलर अनुमन्य अनुदान के आधार पर उपलब्ध कराये जाते है।
बैठक के दौरान कृषकों द्वारा यह सुझाव दिया गया कि वर्तमान में प्रचलित फसल बीमा योजना के अन्तर्गत जंगली जानवरो के द्वारा जो फसल को नुकसान पहुचाया जा रहा है उसे भी सम्मिलित किया जाय, साथ ही सोलर पंम्पिंग सैट जैसे उपकरणों का भी कृषि विभाग द्वारा उपलब्ध कराया जाय जिस पर जिलाधिकारी ने मुख्य कृषि अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि उक्त के संन्दर्भ में एक विस्तृत प्रस्ताव बनाकर शासन को प्रेषित किया जाय ताकि किसानो के समस्याओ का समाधान जल्द से जल्द किया जाय सकें।
बैठक के दौरान में मुख्य विकास अधिकारी एस.एस.एस.पांगती, जिला विकास अधिकारी के.एन.तिवारी, जिला उद्यान अधिकारी तेजपाल सिंह, जिला पूर्ति अधिकारी अरूण कुमार वर्मा, परियोजना निदेशक शिल्पी पंत, मत्स्य अधिकारी मनोज मियान, चन्द्र शेखर पाण्डे सहित संबन्धित अधिकारी एवं किसान मौजूद थें।