November 22, 2024

प्रभारी सचिव ने की विकास कार्यों की समीक्षा

बागेश्वर ( आखरीआंख )  प्रभारी सचिव जनपद बागेश्वर भूपाल सिंह मनराल की अध्यक्षता में राज्य अतिथि गृह कौसानी में जनपद में चल रहे विकास कार्यों एवं वर्ष 2019-20 के लिए विभागों द्वारा बनार्इ गर्इ कार्य योजना की समीक्षा बैठक आयोजित की। समीक्षा बैठक के प्रथम चरण में प्रभारी सचिव द्वारा जिला योजना के अन्तर्गत वर्ष 2019-20 के लिए जारी बजट एवं वर्ष 2018-19 की अवशेष धनराशि एवं जल शक्ति अभियान के लिए बनार्इ गयी कार्ययोजना एवं विभिन्न विभागों की कार्ययोजना तथा आपदा प्रबन्धन के लिए की गयी तैयारियों की समीक्षा की। जिला योजना की समीक्षा करते हुए वर्ष 2019-20 के लिए जारी बजट एवं अवशेष धनराशि की जानकारी ली।
जिलाधिकारी रंजना राजगुरू ने प्रभारी सचिव को अवगत कराया है कि जनपद बागेश्वर के लिए वर्ष 2019-20 के लिए 36 करोड़ 08 लाख की धनराशि शासन द्वारा स्वीकृत की गयी है तथा प्रथम किस्त के रूप में जनपद को 22 करोड़ की धनराशि जारी की गयी है। जिसके लिए सभी विभागों की योजनायें अनुमोदित की गयी है। जारी की गयी धनराशि को सभी विभागों को एक सप्ताह के भीतर निर्गत कर दी जायेगी जिसकी कार्यवाही गतिमान है। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि जिला योजना के अन्तर्गत इस वित्तीय वर्ष में 75 प्रतिशत की धनराशि पुराने निर्माण कार्यों के लिए रखी गयी है तथा 25 प्रतिशत की धनराशि नये निर्माण कार्यों पर व्यय की जायेगी। प्रभारी सचिव द्वारा जल निगम में अवशेष 03 करोड़ 50 लाख की धनराशि के संबंध में जानकारी चाही गयी जिस पर अधि0अभि0 जल निगम को अवगत कराया है कि जेठार्इ पेयजल योजना स्वीकृत है जिसके लिए टैण्डर प्रक्रिया कर दी गयी है तथा इस योजना के लिए 16 करोड़ की धनराशि स्वीकृत है तथा 03 करोड़ 50 लाख की धनराशि का व्यय 03 माह में खर्च किया जायेगा। जल संस्थान की 16 लाख की अवशेष धनराशि पर सचिव द्वारा जानकारी चाही गयी जिस पर अधि0अभि0 जलसंस्थान ने मा0 सचिव को अवगत कराया गया कि जल संस्थान द्वारा 05 हैंडपम्प का कार्य किया जा रहा है जिसमें धनराशि शीघ्र ही व्यय की जायेगी। स्वजल द्वारा अवशेष 03 करोड़ की धनराशि के संबंध में जानकारी चाही गयी जिस पर परियोजना अधिकारी स्वजल ने अवगत कराया है कि 02 लाख 79 हजार के कार्य किये जा रहे है शेष 21 हजार की धनराशि को व्यय कर दिया जायेगा।
जल शक्ति अभियान की समीक्षा करते हुए प्रभारी सचिव ने कहा कि यह योजना भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है जिसके लिए जल संरक्षण एवं जल संवर्द्धन के लिए सभी की जन सहभागिता जरूरत है इसके लिए सभी विभागीय अधिकारी अपने-अपने विभागों में जल संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार करें तथा पुराने जल स्रोतों के संरक्षण के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार करने को कहा तथा रेन वाटर हाडवेसटिंग पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है तथा जो भी निर्माण कार्य किये जा रहे है उनमें रेन वाटर हारवेसटिंग जरूर रखें तथा जल संवर्द्धन के लिए जो भी कार्य किये जा रहे है उनका जीओ टेकिंग अवश्य किया जाय। जिस पर जिलाधिकारी ने प्रभारी सचिव को अवगत कराया है कि जनपद की गरूड़ गंगा का पुनर्जीवन के लिए 09 रिचा जॉन बनाये गये है जिनमें वन विभाग, जल संस्थान, जलागम, सिंचार्इ, जल निगम, स्वजल आदि विभागों द्वारा कार्य किया जा रहा है तथा उन्होंने यह भी अवगत कराया कि सरकारी भवनों में सभी को दिशा निर्देश जारी किये गये है कि जो भी निर्माण कार्य किये जायेंगे उनमें रेन वाटर हारवेसटिंग अनिवार्य रूप से बनाये जाय।
मुख्य विकास अधिकारी ने प्रभारी सचिव को अवगत कराया है कि जल संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए पुराने स्रोतों की खोजबीन की गयी है जिसमें जनपद में कुल 846 जल स्रोत बताये गये है जिसमें से 372 जल स्रोतों का सत्यापन किया गया है जिनके संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए संबंधित विभागों द्वारा कार्ययोजना तैयार की जा रही है। जिसमें चालखाल, चेकडैम, टैंक, वृक्षारोपण का कार्य किया जाना है। उन्होंने यह भी कहा कि होने वाले निर्माण कार्यों के लिए 172 रेन वाटर टैंक प्रस्तावित है जिसमें ग्राम्य विकास विभाग द्वारा मनरेगा के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में 60 रेन हारवेसटिंग टैंक बनाये जाने प्रस्तावित किया गया है। उन्होंने कहा कि 17 जुलार्इ को होने वाले हरेला पर्व पर गरूड़ गंगा रिचा जॉन में 58 हजार वृक्षारोपण किया जायेगा।
बैठक में प्रभारी सचिव द्वारा मानसून के दौरान आपदा प्रबन्धन के लिए किये गये व्यवस्था एवं उपकरणों के संबंध में जानकारी चाही गयी। जिस पर जिलाधिकारी ने अवगत कराया कि जनपद में सभी तहसीलों में 15 जून से आपदा कन्ट्रोल रूम निरंतर कार्य कर रहे है तथा जनपद मुख्यालय में भी आपदा कन्ट्रोल रूम निरंतर कार्य कर रहा है तथा कपकोट में 06 सदसीय दल एसडीआरएफ तैनात है तथा बागनाथ मंदिर के पास जल पुलिस चौकी खोली गयी है तथा 06 लोगों का खोज बचाव दल भी गठित किया गया है तथा तहसीलों को सभी आवश्यक उपकरण उपलब्ध करा दिये गये है जनपद में एक ड्रोन कैमरा उपलब्ध है तथा 10 सेटेलार्इट फोन भी उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि जनपद में नेशनल हार्इवे एवं स्टेट हार्इवे की सभी सड़के ठीक है तथा ग्रामीण क्षेत्रों में रिखाड़ी, सूपी, बाछम क्षेत्र में भू-स्खलन की स्थिति बनी रहती है जिसमें जेसीबी के लिए टैण्डर प्रक्रिया की जा चुकी है। तथा आपदा को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में 06 माह का राशन उपलब्ध करा दिया गया है तथा पशु चिकित्सालय में पशुओं के लिए पर्याप्त चारा, दवार्इयों का स्टॉक कर दिया गया है।
जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी ने प्रभारी सचिव को अवगत कराया है कि आपदा को दृष्टिगत रखते हुए 51 गॉवों में युवक मंगल दल एवं महिला मंगल दल के 786 लोगों को आपदा प्रबन्धन का प्रशिक्षण दिया जा चुका है तथा तहसील स्तर पर भी बर्तन एवं उपकरण उपलब्ध करा दिये गये है तथा तहसीलों में भी मॉकड्रिल का कार्य भी किया जा चुका है।
प्रभारी सचिव द्वारा पीएमजीएसवार्इ, कृषि विभाग, उद्यान विभाग, जल निगम, स्वजल आदि विभागों की गहन समीक्षा की गयी। उन्होंने कहा भी किसी विभाग को किसी तरह की कोर्इ दिक्कत हो तो जानकारी चाही गयी जिस पर अधि0अभि0 पीएमजीएसवार्इ ने अवगत कराया है कि उनके पास एक ही अमीन होने के कारण सत्यापन के मामलों में कठिनार्इ हो रही है तथा अधि0अभि0 विद्युत ने अवगत कराया है कि विद्युत विभाग में 10 जेर्इ के पद स्वीकृत है जिसके सापेक्ष 01 ही जेर्इ कार्यरत है जिस कारण कार्यों के स्टेमेट बनाने में दिक्कत हो रही है जिस पर प्रभारी सचिव ने निर्देश दिये है कि इसके लिए संबंधित विभाग अपने एचओडी को पत्र लिखे तथा उपनल के माध्यम से कार्मिकों की तैनाती के लिए पत्र प्रेषित करने को कहा।
बैठक में पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह, मुख्य विकास अधिकारी एस.एस.एस.पांगती, जिला विकास अधिकारी के.एन.तिवारी, उप जिलाधिकारी गरूड़ जयवर्धन शर्मा, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ0 उदय शंकर, मुख्य कृषि अधिकारी बीपी मौर्य, अपर परियोजना निदेशक शिल्पी पन्त, जिला उद्यान अधिकारी तेजपाल सिंह, जिला पूर्ति अधिकारी अरूण कुमार वर्मा, अधि0अभि0 पीएमजीएसवार्इ, अधि0अभि0 जल निगम, जल संस्थान सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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