September 20, 2024

पहाड़ में नही थम रहा गुलदार का आतंक, नरभक्षी गुलदार ने बनाया महिला को निवाला

एक माह में गुलदार द्वारा निवाला बनाने की यह तीसरी घटना है। बेख़बर सो रही सरकार

रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग जिले के भरदार पट्टी के पपड़ासू गांव में नरभक्षी गुलदार ने घास लेने गई एक महिला को निवाला बना लिया। क्षत-विक्षत हालत में महिला का शव गांव से दूर पाया गया। घटना के बाद वन विभाग के साथ ही राजस्व विभाग की टीम गांव पहुंची। राजस्व पुलिस ने शव को कब्जे में लेते हुए अग्रिम कार्रवाई शुरू कर दी है। भरदार क्षेत्र में आदमखोर गुलदार द्वारा निवाला बनाने की यह तीसरी घटना है। क्षेत्रीय लोग दहशत में है। बीती शुक्रवार को जखोली ब्लॉक के पपडासू गांव निवासी 55 वर्षीय कौशल्या देवी पत्नी जगत सिंह घास लेने जंगल गई थी। देर सायं तक जब वह घर नहीं लौटी, तो परिजनों ने ग्रामीणों की मदद से खोजबीन शुरू की। इसके बाद भी महिला का कोई पता नहीं चल सका। शनिवार सुबह दोबारा महिला की ढ़ूढख़ोज की गई, तो गांव से करीब 3 किमी दूर महिला का शव क्षत-विक्षत हालत में मिला। गुलदार द्वारा महिला का धड़ से ऊपर का हिस्सा खा लिया गया था। घटना की खबर मिलते ही रुद्रप्रयाग वन प्रभाग के डीएफओ वैभव कुमार, एसडीओ एमएस सिरोही व खांकरा रेंज के रेंजर समेत प्रशासन व राजस्व विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। यहां राजस्व पुलिस द्वारा शव को कब्जे में लेकर अग्रिम कार्रवाई शुरू की गई। डीएफओ वैभव कुमार ने बताया घटनास्थल की स्थिति से लग रहा है कि एक ही गुलदार ने अभी तक हुई इन 3 अलग अलग घटनाओं को अंजाम दिया है। बताया कि क्षेत्र में ट्रैप कैमरा लगाए जा रहे हैं। साथ ही पूर्व में तैनात दोनों शिकारियों लखपत रावत व जॉय हुकिल भी मौके पर पहुंच गए हैं। उन्होंने आसपास के लोगों को अपने स्तर से सतर्कता बरतने को कहा है। बताया कि पीडि़त परिवार को परिवार को क्षतिपूर्ति के तौर पर तत्काल मदद मुहैया कराई जाएगी। सामाजिक कार्यकर्ता मोहित डिमरी ने बताया कि एक माह में तीन लोगों को गुलदार द्वारा अपना निवाला बनाया गया है। बीते एक माह से पूरा भरदार क्षेत्र भयभीत है। लोग दहशत के साये में जी रहे हैं। यदि आदमखोर को जल्द नहीं मारा गया तो अन्य घटनाएं हो सकती है। बताते चलें कि भरदार क्षेत्र में गुलदार ने 6 नवंबर को सतनी गांव में एक अधेड़ को निवाला बनाया जबकि 8 नवंबर को बांसी गांव में एक महिला को मारा है। एक माह में गुलदार द्वारा निवाला बनाने की यह तीसरी घटना है।