चार सूत्रीय मांगों को लेकर युकां मुखर
बागेश्वर। मनरेगा में साल में 200 दिन का काम देने समेत चार सूत्रीय मांगों को लेकर युकां मुखर हो गई है। संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं ने घरों में रहकर एक दिन का उपवास रखा। सरकार से समस्या का जल्द समाधान करने की मांग की। मांग पूरी नहीं होने पर जल्द आंदोलन की रूपरेखा बनाने की भी चेतावनी दी है। जिलाध्यक्ष दर्शन कठायत ने बताया कि कोरोना संक्रमण की सबसे अधिक मार मजदूर वर्ग पर पड़ी है। सरकार को चाहिए कि उनके खातों में एकसाथ दस हजार रुपये की धनराशि डाले। ताकि वह अपना जीवन जी सकें। इन दिनों हजारों की संया में प्रवासी पहाड़ आए हैं। उनका भविष्य सुरक्षित हो इसलिए मनरेगा के तहत उन्हें साल में 200 दिन का काम मिलना चाहिए। इससे विकास में भी गति मिलेगी। प्रदेश सचिव कवि जोशी ने कहा कि बाहर से आने वाले लोगों को सामुदायिक क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया है। वहां उनके खाने-पीने का उचित प्रबंध होना चाहिए। गत दिनों कपकोट में व्यवस्था पूरी तरह पटरी से उतर गई थी। वक्ताओं ने कहा कि इस बार बारिश और ओलों ने किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया है। उनकी भी भरपाई सरकार को करनी चाहिए, ताकि किसान आगे की फसल बो सके। कार्यकर्ताओं ने इन मांगों को लेकर अपने-अपने घरों में मंगलवार को उपवास रखा। उपवास रखने वालों में वीरेंद्र नगरकोटी, सुनीता टटा, सूर्यभानु दफौटी, कैलाश पंवार, भरत, दीपक, अजय साह जगाती, भरत कोरंगा, प्रमोद जोशी, पंकज कुमार आदि शामिल थे।