November 23, 2024

कृषि को अंबानी-अडानी का बंधक बनाने की साजिश नहीं चलेगी: जंगी

नैनीताल। अखिल भारतीय किसान महासभा द्वारा देश में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में 27 दिसंबर को किसान पंचायत किसान विरोधी तीनों कानूनों को रद्द करने के लिए, स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट अनुसार किसानों की कुल लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य तय कर सरकारी खरीद करने का कानून बनाये जाने के लिए, किसानों की कजऱ् माफी के लिए, बिजली निजीकरण अध्यादेश वापस लेने के लिए बुद्धपार्क हल्द्वानी में की जा रही है। इसकी तैयारी में कालाढूंगी विस क्षेत्र के पीपलपड़ाव खत्ते में किसानों की बैठक हुई। बैठक को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा के नैनीताल जिलाध्यक्ष बहादुर सिंह जंगी ने कहा कि, मोदी सरकार ने देश के किसानों और आम लोगों के खिलाफ तीन कृषि कानूनों को लाकर, किसानों को जिस तबाही और बर्बादी के मुहाने पर खड़ा कर दिया है और देश की खेती-किसानी और खाद्य सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है उससे बचने के लिए अब किसानों और आम जनमानस को एकजुट होकर सड़कों में उतरने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है। भाकपा (माले) के जिला सचिव डॉ. कैलाश पाण्डेय ने कहा कि, मोदी सरकार खेती-किसानी से बिचौलिये खत्म करने का राग अलाप रही है, लेकिन किसान विरोधी कानूनों को पास करके मोदी सरकार ने बता दिया है कि यह सरकार खुद अडानी -अंबानी की बिचौलिया बन चुकी है। देश की कृषि और खाद्य सुरक्षा को बचाने के लिए जरूरी है कि तीन काले कृषि क़ानूनों के खिलाफ हाड़ कंपाती ठंड में दिल्ली की सीमाओं पर खुले आसमान के नीचे डटे किसान आंदोलनकारियों का समर्थन किया जाए। वक्ताओं ने अखिल भारतीय किसान महासभा द्वारा 27 दिसंबर को बुद्धपार्क किसान आंदोलन के समर्थकों से अपील की है कि किसान पंचायत में पहुंचकर किसान आंदोलन को अपना समर्थन प्रदान करें। यहां गणेश पाठक, उमरदीन, बचन सिंह, दीप पाठक, गुलाम अली, सुशीला थारा, नीमा देवी, लक्ष्मण रावत, गोधन सिंह, बीर सिंह, हुकुम सिंह, दया राम, प्रताप, पंकज, विनोद, सीता देवी,बिमला, प्रेमा देवी,इंद्रा, बसंती, राम सिंह मौजूद रहे।