आखिरकार तानाशाह ने मान ली हार, -किम जोंग उन ने स्वीकारा, नॉर्थ कोरिया की हालत बेहद खराब
सियोल, । कोरोना वायरस और कड़े अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के चलते ‘रॉकेट मैनÓ किम जोंग उन का घमंड टूटता जा रहा है. पहली बार नॉर्थ कोरिया के शासक किम जोंग उन ने स्वीकार किया है कि उनका देश ‘बेहद खराब दौरÓ से गुजर रहा है. माना जा रहा है कि तानाशाह ने अपनी हार स्वीकार कर ली है.
नॉर्थ कोरिया के नेता किम जोंग उन ने प्योंगयांग में एक बड़े राजनीतिक सम्मेलन में अपनी सत्तारूढ़ पार्टी के हजारों जमीनी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए माना कि उनका देश ‘बहुत खराब दौरÓ से गुजर रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि नार्थ कोरिया में किम के शासन का एक दशक पूरा होने जा रहा है और पहले से ही अस्थिर उसकी अर्थव्यवस्था कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाए लॉकडाउन तथा अमेरिका के प्रतिबंधों के कारण और चरमरा गई है.
उत्तर कोरिया की आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने कहा कि किम ने मंगलवार को वर्कर्स पार्टी के शाखा सचिवों की बैठक में ये टिप्पणियां कीं. किम ने कहा, ‘अब तक की सबसे खराब स्थिति में लोगों की जिंदगियों को बेहतर बनाना शाखाओं, पार्टी के जमीनी संगठनों द्वारा निभाए जाने वाली भूमिका पर निर्भर करता है. इस स्थिति में हमें कई अभूतपूर्व चुनौतियों से उबरना है.Ó उन्होंने पार्टी सदस्यों से जनवरी में हुई कांग्रेस में लिए फैसलों को लागू करने का भी अनुरोध किया. तब उन्होंने अमेरिकी दबाव के बावजूद परमाणु क्षमता बढ़ाने का आह्वान किया था और नयी पंचवर्षीय राष्ट्रीय विकास योजना की घोषणा की थी.
नॉर्थ कोरिया में पार्टी सेल्स में 5 से 30 सदस्य हैं और यह सबसे छोटी पार्टी की यूनिट है, जो फैक्टरी के कामकाज पर नजर रखती है. वर्कर्स पार्टी के सत्ता पर कब्जा बनाए रखने में यह एक अहम यूनिट है. सचिवों की पिछली बैठक 2017 में हुई थी.
आर्थिक रूप से जो झटके किम जोंग उन को लग रहे हैं, उससे उन पर दबाव बनता दिख रहा है. अभी तक नॉर्थ कोरिया बाइडेन प्रशासन से बातचीत की पेशकश को ठुकरा चुका है. किम जोंग उन ने कहा था कि वॉशिंगटन को सबसे पहले अपनी बंधक बनाने वाली पॉलिसी को खत्म करना होगा. इसके बाद ही बात हो सकती है. अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडेन पर दबाव बनाने के लिए नॉर्थ कोरिया ने कई बैलिस्टिक मिसाइल के परीक्षण भी किए थे.