पांच दिन बाद बहाल हुई विद्युत आपूर्ति -खोलियागांव के युवाओं ने श्रमदान से पहुंचाया गांव में ट्रांसफार्मर
बागेश्वर। खोलियागांव में लगा ट्रांसफार्मर फुंक जाने से ठप विद्युत आपूर्ति पांचवें दिन बहाल हो सकी। वहीं, इस बीच ऊर्जा निगम को गांव तक ट्रांसफार्मर पहुंचाने में दिक्कत पेश आ रही थी। ग्रामीणों ने ऊर्जा निगम से संपर्क किया और श्रमदान कर ट्रांसफार्मर गांव पहुंचा दिया। अलबत्ता गांव में चार दिन बाद बिजली की आपूॢत बहाल हो सकी। पहाड़ के गांवों में श्रमदान करने का रिवाज आज भी है। लोग जहां अपने पड़ोसियों को हरसंभव मदद करते हैं, वहीं सामूहिक कार्यों में भी उनका विशेष योगदान रहता है। गत 23 अप्रैल को भारी अंधड़ के कारण गांव की बिजली गुल हो गई। उपभोक्ताओं ने ऊर्जा निगम को सूचना दी और आपूॢत बहाल करने की मांग की। गांव में लगा ट्रांसफार्मर फुंक जाने के कारण आपूॢत बहाल करने में दिक्कत आ रही थी। ऊर्जा निगम लगातार ग्रामीणों को विद्युत आपूॢत करने का भरोसा ही दिलाता रहा, लेकिन 26 अप्रैल तक यह सुचारू नहीं हो सकी। ग्रामीणों ने ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता से संपर्क किया। पता चला कि नए ट्रांसफार्मर को गांव तक ले जाने के लिए मजदूरों की कमी है। ग्रामीण नवयुवकों ने ट्रांसफार्मर श्रमदान कर गांव पहुंचाने की बात की और सोमवार को ट्रांसफार्मर गांव पहुंच गया। इस कार्य में सबसे अधिक योगदान गांव के प्रकाश उपाध्याय, नरेश उपाध्याय, नीरज, कैलाश, चंद्रशेखर, सोनू, गब्बर, रमेश, भगवत, पूरन चंद्र उपाध्याय का रहा। इधर, ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता भास्कर पांडे ने कहा कि कोरोना के कारण अधिकतर मजदूर गांव चले गए हैं। खोलियागांव के युवाओं ने श्रमदान कर आपूॢत सुचारू करने में मदद की है।