बागेश्वर में खरीफ फसलों की बुवाई के लिए कृषि विभाग तैयार – 25 हजार हेक्टेअर भूमि के लिए 300क्विटल बीज पहुंचा
बागेश्वर। खरीफ फसलों की बुवाई के लिए कृषि विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। जिले के 25 हजार हेक्टेअर भूमि के लिए तीन सौ क्विटल बीज भी पहुंच गया है। 47 हजार से अधिक किसानों को इसका लाभ मिल सकेगा। अलबत्ता सरकार किसानों की आय दोगुना बढ़ाने के लिए उन्हें हरसंभव मदद कर रही है। जिले में 47218 हेक्टेअर भूमि पर किसान वर्तमान में खेती कर रहे हैं। लगभग 25 हजार हेक्टेअर भूमि पर खरीफ की फसल उगाई जाती है। 47522 किसान जिले में पंजीकृत हैं। खरीफ की फसल जून व जुलाई में बोई जाती हैं। सितंबर व अक्टूबर में इसकी कटाई होती है। कृषि विभाग ने इस बार धान, मंडुवा, सांवा, उर्द, रामदाना, गहत, सोयाबीन आदि के बीज मंगाए हैं। तीन सौ क्विटल बीज कृषि निवेश केंद्रों के अलावा ब्लॉक प्रभारी, न्याय पंचायत, कृषि एवं भूमि सरंक्षण अधिकारी के पास पहुंच गए हैं। सरकार से अनुनन्य सब्सिडी के अनुसार ही किसानों को बीज का वितरण किया जाएगा। ———- अछे मानसून की जरूरत खरीफ की फसल की जल मांग अन्य की तुलना में अधिक होती है। इन फसलों की वृद्धि, विकास एवं प्रजनन मानसून के पैटर्न पर निर्भर करता है। वर्षा जल का समय व मात्रा इन फसलों के उत्पादन को काफी प्रभावित करता है। यही कारण है कि जिस वर्ष देश में मानसून की स्थिति अछी होती है, इन फसलों के उत्पादन में वृद्धि दर्ज की जाती है। जबकि विपरीत मानसून की उपस्थिति में इसके उत्पादन में नकारात्मक प्रभाव पड़ता हैं। ———– गरुड़ में धान की बेहतर उपज जिले के गरुड़ तहसील में धान की फसल अछी होती है। धान के पौधों के लिए औसतन तापमान 21 से लेकर 37 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच उपयुक्त माना जाता है। वहीं यदि उनके अंकुरण के तापमान की बात की जाए तो यह 28 से लेकर 32 डिग्री सेंटीग्रेड तक उपयुक्त माना जाता है। जबकि फूल आने के समय यह पौधा 26 से लेकर 29 डिग्री सेंटीग्रेड एवं पकते समय 20 से 25 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान की मांग करता है। कोविड-19 के दौर में किसान सरकार की प्राथमिकता में हैं। आॢथक परेशानियों से जूझ रहे किसानों को सरकार ने कृषि बीजों पर मिलने वाले अनुदान में 25 फीसद की बढ़ोतरी की है। किसानों को अब खरीफ फसलों के लिए 75 प्रतिशत अनुदान में बीज मिलेंगे। अभी तक 50 प्रतिशत अनुदान मिलता था। -वीके मौर्या, मुय कृषि अधिकारी, बागेश्वर।