संसद का मानूसन सत्र : बिना चर्चा के शुरू हुआ विधेयक पारित करने का सिलसिला 0- भारी हंगामे के बीच लोकसभा ने लगाई दो विधेयकों पर मुहर 0- अध्यादेश से जुड़ा दिवाला-शोधन विधेयक भी हुआ पेश 0- हरियाणा के कुंडली स्थित खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थान को राष्टï्रीय महत्व मिलने का रास्ता हुआ साफ
नई दिल्ली , । लोकसभा में सोमवार को मानसून के सत्र के दूसरे हफ्ते के पहले दिन विपक्ष के जबर्दस्त हंगामे के बीच बिना चर्चा कराए दो अहम विधेयक पारित हो गए। इसके साथ ही अध्यादेश से जुड़ा दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता संशोधन विधेयक भी बिना किसी चर्चा के पेश किया गया। पैगासस जासूसी, कृषि कानून जैसे कई मुद्दों पर विपक्ष के हंगामे के कारण लगातार पांचवेंं दिन सदन की कार्यवाही बाधित हुई। विधायी कामकाज निपटाने के बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
भोजनावकाश के बाद पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता संशोधन विधेयक पेश किया। इसके बाद लघु एवं कुटिर उद्योगों को ऋण सुविधा का अतिरिक्त विकल्प उपलब्ध कराने वाला फेक्टर विनियमन संशोधन विधेयक पेश किया गया। भारी हंगामे के बीच ध्वनि मत से सदन ने इससे जुड़े तीन संशोधन को मंंजूरी दे दी।
राष्टï्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी विधेयक पर भी मुहर
उपभोक्ता मामलोंं के मंत्री पशुपति पारस द्वारा पेश किए गए राष्टï्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता और प्रबंध संस्थान विधेयक को भी लोकसभा में पारित किया गया। राज्यसभा में बीते बजट सत्र में ही इस विधेयक पर मुहर लग गई थी। इसके साथ ही हरियाणा के कुंडली और तमिलनाडु के तंजावुर स्थिति खाद्य प्रौद्योगिकी क्षेत्र के दो संस्थानों को राष्टï्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा मिलने का रास्ता साफ हो गया है। विधेयक का उद्येश्य फसलों का उचित प्रबंधन है। पशुपति पर ने कहा कि कृषि क्षेत्र की भलाई के लिए लाए गए इस विधेयक स्थाई समिति केसाथ-साथ उच्च सदन ने भी कई सुझाव दिए थे। विधेयक में सभी महत्वपूर्ण सुझावों को शामिल किया गया है।
अब तक अध्यादेश से जुड़े दो विधेयक पेश
सरकार को इस सत्र में अध्यादेशों से जुड़े छह विधेयक पारित कराने हैं। संसद के दोनों सदनों में कामकाज ठप रहने के कारण अब तक महज लोकसभा में इससे जुड़े दो विधेयक पेश किए जा सके हैं। बीते हफ्ते रक्षा सेवा से जुड़े संस्थानों में हड़ताल को गैरकानूनी और दंडनीय बनाने वाला आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक पेश किया गया था। सोमवार को दिवाला और शोधन संशोधन विधेयक पेश किया गया। सरकार की योजना अगले सप्ताह तक हर हाल में अध्यादेशों से जुड़े सभी विधेयकों को दोनों सदनों में पारित कराने की है।
विपक्ष से बार-बार चर्चा में शामिल होने की अपील
सोमवार को लोकसभा स्पीकर, सभापति और संसदीय कार्य मंत्री ने विपक्ष से बार-बार चर्चा मेंं भाग लेने का आग्रह किया। संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि कार्य मंत्रणा समिति (बीएससी) में विपक्ष ने विधायी कार्यों में सहयोग करने पर सहमति दी थी। इसके अलावा सरकार बार-बार कह रही है कि वह हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। हालांकि विपक्ष के सदस्य पेगासस जासूसी, किसान आंदोलन, महंगाई जैसे मुद्दों पर वेल में आ कर लगातार नारेबाजी करते रहे।