May 19, 2024

डायट डीएलएड प्रशिक्षितों ने किया विधानसभा कूच

देहरादून।  विगत 21 दिनों  से निदेशालय में आंदोलनरत डायट डीएलएड प्रशिक्षितों ने आज विधानसभा कूच किया। प्रशिक्षित हाथ में काली पट्टी बांधकर,नंगे पाँव चलकर अपने बैनर तले पूरे संख्याबल के साथ जोर शोर से नारेबाजी करते हुए विधानसभा पहुंचे। डायट संघ सचिव हिमांशु जोशी ने बताया कि हम डायट डीएलएड प्रशिक्षितों की प्राथमिक शिक्षक भर्ती कुछ तथाकथित संगठन के कारण माननीय उच्च न्यायालय में लंबित है  । हमारी मांग है   कि सरकार व विभाग इसपर त्वरित संज्ञान लेकर महाधिवक्ता से उच्च न्यायालय में डायट वादों की ठोस पैरवी करवाये ताकि भर्ती शीघ्र अति शीघ्र पूरी करें। उन्होंने बोला कि डायट संगठन तब तक यहां से नहीं उठेगा जब तक सरकार पक्ष से स्वयं संज्ञान लेने हमारे पास नहीं पहुंचता।
आप प्रदेश प्रवक्ता उमा शिशोदिया ने रैली में डायट प्रशिक्षितों के साथ चलकर अपना पूर्ण समर्थन दिया। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि शिक्षा जैसा मुद्दा सरकार की प्राथमिकता में होना चाहिए था परंतु ये सरकार की असफलता ही कही जाएगी कि तीन- तीन मुख्यमंत्री बदल जाने के उपरांत और 5 वर्ष बीत जाने के पर भी डायट प्रशिक्षितों को नियुक्ति नहीं दी गयी।। मुझे दु:  ख होता है   कि जो शिक्षक विद्यालयों में होने चाहिए थे वे सडक़ों पर दर दर मजबूर है। ये अन्याय किसी भी प्रकार से उचित नहीं है   और मैं मीडिया के माध्यम से सरकार के समक्ष अपनी बात रखती हूं कि इन प्रशिक्षितों को जल्दी से जल्दी नियुक्ति प्रदान कीजिये जो इनका हक़ है   वो इन्हें मिलना चाहिए।
प्रदेश मीडिया प्रभारी प्रकाश दानू बताया कि हम डायट से दो वर्ष का प्रशिक्षण प्राप्त प्रशिक्षित है   जिन्होंने दिसम्बर 2019 में अपना विभागीय प्रशिक्षण पूर्ण किया था। आज तक के इतिहास में कभी भी डायट से प्रशिक्षण प्राप्त प्रशिक्षित घर पर बेरोजगार नहीं बैठा अपितु प्रशिक्षण के 6 माह के उपरांत उन्हें नियुक्ति मिल जाती है   परंतु हमारा 2017-19 बैच ही अकेला बैच है   जिसे 19 माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी नियुक्ति नहीं मिल रही। ये पूरी तरह से सत्ता पक्ष की असफलता है   कि उन्होंने शिक्षा जैसे प्राथमिक मुद्दों को प्राथमिकता से कोसो दूर रखा है  । डायट डीएलएड प्रशिक्षितों की रैली को पुलिस प्रशासन द्वारा विधानसभा से थोड़ी दूर पूर्व रोका गया। जहाँ पर डायट डीएलएड संगठन ने अपना ज्ञापन सरकार को सौंपा।