नाटक के जरिये दिया पर्यावरण बचाने का संदेश
देहरादून। दिल्ली देहरादून एक्सप्रेस-वे आशारोड़ी में जंगल काटे जाने का विरोध करने के लिए देहरादून की तमाम संस्थाएं और बड़ी संख्या में आम लोग रविवार को फिर आशारोड़ी पहुंचे और प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों में देश के प्रसिद्ध पर्यावरणविद् प्रोफेसर रवि चोपड़ा, हिमांशु अरोड़ा भी शामिल हुए। दिल्ली देहरादून एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए मोहंड और आशारोड़ी में लगभग 22000 पेड़ काटे जा रहे हैं। पिछले दिनों आशारोड़ी में पेड़ों का कटान शुरू होने के साथ ही देहरादून के लोगों ने इसका विरोध शुरू कर दिया था। यहां की सामाजिक संस्थाएं हर रोज यहां जंगलों पर नजर रखे हुए हैं। विरोध प्रदर्शन के बाद से आशारोड़ी में नए पेड़ काटने का सिलसिला थमा है, लेकिन भविष्य में सभी पेड़ काटे जाने की संभावना को देखते हुए लगातार प्रदर्शन किया जा रहा है। रविवार को किए गए प्रदर्शन में इस विरोध की अगुवाई कर रहे देहरादून की संस्था सिटीजन फॉर ग्रीन देहरादून के अलावा एसएफआई, उत्तराखंड महिला मोर्चा, हिंद स्वराज, द अर्थ एंड क्लाइमेट चेंज इनीशिएटिव, भारत की जनवादी नौजवान सभा,आगास, पराशक्ति, अखिल गढ़वाल सभा, राज्य आंदोलनकारी मंच प्रमुख आदि संस्थाओं ने हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में जंगल काटने के विरोध वाली तख्तियां ली हुई थी। वे लगातार नारेबाजी कर रहे थे और जनगीत गा रहे थे। प्रदर्शन के दौरान जनरंग और एसएफआई की ओर से ‘मुक्ति का मार्ग” नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जंगल बचाने और धरती की सुरक्षा करने का संदेश दिया गया। प्रदर्शनकारियों ने जंगलों को बचाने और जरूरत से ज्यादा प्रकृति का दोहन न करने का संकल्प भी लिया। इस अवसर पर एस एफ़ आई राज्य सचिव हिमांशु चौहान, शैलेन्द्र परमार ,नौजवान सभा से सत्यम, कलाकार व बरिष्ट पत्रकार त्रिलोचन भट्ट ,राज्य आंदोलनकारी जयदीप सकलानी, ज्योत्सना, मृदुला, पीयूष, यह लोग हुए शामिल- प्रो. रवि चोपड़ा, हिमांशु अरोड़ा, कमला पंत, निर्मला बिष्ट, इरा चौहान ,दीपा कौशलम्, भावना, डॉ. आंचल शर्मा, जगदंबा प्रसाद मैठाणी, रुचा सिंह, जया, गुणानंद जखमोला, मनोज कुंवर, प्रकाश नेगी, रिद्धि, वर्षा सिंह, मनोज ध्यानी,आदि