September 21, 2024

खास रपट: उत्तराखंड में अब भाजपा पर बढ़ गया दायित्व बाटने व मंत्री मंडल विस्तार का दवाब

( अर्जुन राणा ) पांच राज्यों के चुनावी नतीजों के बाद उत्तराखण्ड में सत्तारूढ भाजपा में उठक-पठक का दौर शुरू हो गया है। चुनावी नतीजों ने  उत्तराखंड भाजपा संगठन के दिल की धड़कन बढ़ा दी है। 2017 में दो तिहाई बहुमत पाने वाली उत्तराखंड भाजपा इस बात को समझ रही है कि लोकसभा चुनाव में 5 सीटों पर पार्टी का बेड़ा पार लगाने के लिए कार्यकर्ताओं और नेताओं दोनों को साथ रखना जरूरी है। इसीलिए अब भाजपा अध्यक्ष कह रहे है जल्द ही नेताओं को ‘एडजस्ट’ किया जाएगा।
तीन हिंदी-भाषी राज्यों के चुनावी परिणामों ने उत्तराखंड भाजपा को सकते में डाल दिया है। उत्तराखंड के उच्च शिक्षा राज्य मंत्री धन सिंह तो बाकायदा छत्तीसगढ़ में डेरा डाले रहे थे। उत्तराखंड के साथ बने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस दो-तिहाई बहुमत से सत्ता में लौटी है और इतने ही बड़े फासले से उत्तराखंड में भाजपा 2017 में आई थी। तब से अब तक माहौल काफी बदला है। हाल ही में हुए निकाय चुनाव में भाजपा को अपने अनुमान के अनुसा कम सीटें मिली थी। इसकी एक वजह कार्यकर्ताओं की नाराजगी भी मानी गई। लोकसभा में कार्यकर्ता पूरे दिलो-जान के साथ लगें इसके लिए अब पार्टी अध्यक्ष अजय भट्ट नेताओं और कार्यकर्ताओं को ‘एडजस्ट’ करने की बात कह रहे हैं ताकि चुनावी समर में पार्टी एकजुट होकर कांग्रेस से लोहा ले सके। दरअसल त्रिवेंद्र रावत  कैबिनेट में अभी 2 मंत्री पद भरे जाने हैं। इसके अलावा कई निगमों, आयोगों में नेताओं को ‘फिट’ करने के आलावा कई विधायकों को संसदीय सचिव भी बनाए जाने की चर्चा पार्टी में लगातार चलती रही है। हालांकि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। जानकार कहते है अब पार्टी पर प्रेशर ज्यादा है और ज्यादा टालमटोल कर पाना भारी पड़ सकता है। पांच और खासकर तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों नतीजों ने साफ कर दिया है कि अब लोकसभा चुनाव में लड़ाई एक-एक सीट के लिए होगी और ऐसे में इसके लिए नेताओं और कार्यकर्ताओं को साथ बांधकर रखना बीजेपी की मजबूरी भी है क्योंकि कांग्रेस की जीत ने बता दिया है कि टक्कर मिलने वाली है।