राममन्दिर निर्माण : जनवरी 2024 में विराजमान हो जाएंगे रामलला
अयोध्या । श्री राम जन्मभूमि में रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य तीव्र गति से चल रहा है। ट्रस्ट का कहना है कि जनवरी 2024 में भगवान रामलला के गर्भगृह सहित पांच मंडप को तैयार कर लिया जाएगा और मकर संक्रांति के दिन भगवान रामलला विराजमान हो जाएंगे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार मंदिर मार्ग में अब तक 35 प्रतिशत कार्य हो चुका है। मंदिर के भूतल निर्माण में 60 प्रतिशत कार्य किया गया है। मंदिर में 166 पिलर लगाए जा रहे हैं जिसमें भगवान की गर्भगृह सहित सिंह द्वार, नृत्य मंडप, रंग मंडप, गुड़ मंडप और दोनों तरफ कीर्तन मंडप का निर्माण हो रहा है।
शुक्रवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से मीडिया कर्मियों को परिसर में बुलाया गया। करीब एक घंटे तक उन्हें राम मंदिर के अब तक हुए निर्माण को दिखाया गया। इस दौरान बताया गया कि गर्भगृह के पिलर 14 फीट तक बनकर तैयार हो चुके हैं। परकोटे का मंदिर तेजी से बनाया जा रहा है। मंदिर निर्माण तीन चरणों में पूरा होगा। पहला चरण अगस्त 2023 तक पूरा होगा। दूसरा चरण दिसंबर 2024 में जबकि 2025 तक मंदिर आकार ले चुका होगा। जनवरी 2024 में मंदिर में दर्शन-पूजन शुरू हो सकेगा। मंदिर निर्माण में करीब 800 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। कुल खर्च का अनुमान करीब 1800 करोड़ रुपए लगाया गया है। मंदिर के गर्भगृह की दीवार बनकर तैयार है। यहां परिक्रमा पथ तैयार किया जा रहा है। चंपत राय ने बताया कि गर्भगृह के अतिरिक्त पांच मंडप और बनाए जा रहे हैं। गर्भगृह में राम के बाल स्वरूप का पूजन मुहूर्त देखकर शुरू कराया जाएगा। रामलला की पत्थर की मूर्ति तैयार हो रही है। विद्वानों का विचार है कि गर्भगृह में भगवान का विग्रह खड़ा होना चाहिए। प्रभु श्रीराम के जीवन के 100 प्रसंग भी मंदिर में उकेरे जाएंगे। इसमें देश के प्रसिद्ध साहित्यकार यतीन्द्र मिश्रा भी सहयोग कर रहे हैं।
राम मंदिर निर्माण से जुड़े इंजीनियर बताते हैं कि मंदिर के ग्राउंड फ्लोर का पूरा काम शुरू हो चुका है। वर्कर्स लगे हुए हैं। गर्भगृह और मंडप की दीवारों का काम भी चल रहा है। परकोटे की टोटल लंबाई 762 मीटर है। परकोटे के चार कोने में 4 मंदिर रहेंगे। प्रवेश द्वार सिंह जैसा होगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की योजना है कि जनवरी 2024 से मंदिर को भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ.अनिल मिश्र ने बताया कि मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट के पास पर्याप्त धन है। अब तक करीब आठ सौ करोड़ खर्च हो चुके हैं। मंदिर की लागत 1800 करोड़ तय की गई है। अभी मंदिर के भूतल निर्माण के क्रम में गर्भगृह का काम चल रहा है। श्री मिश्र ने बताया कि गर्भगृह के छह खंभों का निर्माण भी शुरू हो चुका है। इन्हें मकराना के मार्बल से बनाया जा रहा है। मार्बल के खंभेनुमा पीस को एक-दूसरे में जोडक़र तैयार किया जा रहा है। ये खंभे 19.3 फीट ऊंचे होंगे। इसके अतिरिक्त मुख्य मंदिर के गर्भगृह में फर्श, मेहराब, रेलिंग, दरवाजे के फ्रेम सफेद मकराना संगमरमर से ही तैयार किए जाएंगे, इनकी गढ़ाई शुरू हो चुकी है।