साइबर ठगी में नाइजीरियन नागरिक गिरफ्तार
रुद्रपुर। कुमाऊं साइबर पुलिस को साइबर ठगी के मामले में बड़ी सफलता हाथ लगी है। साइबर पुलिस ने अलग-अलग तरीकों से साइबर ठगी करने वाले नाइजीरिया के एक नागरिक को शनिवार रात दिल्ली से गिरफ्तार किया है। आरोपी ने रानीखेत के एक बैंक मैनेजर से 1.85 करोड़ की ठगी की थी। आरोपी को जेल भेज दिया गया है। रविवार को मामले का खुलासा करते हुए कुमाऊं साइबर क्राइम थाना प्रभारी ललित मोहन जोशी ने बताया कि आठ जनवरी को रानीखेत निवासी बैंक मैनेजर सुरेश आर्या ने साइबर थाने में तहरीर दी थी। उसमें उन्होंने बताया कि 2017 में एक साइबर ठग ने फेसबुक पर उनसे दोस्ती की। इसके बाद उसने उनके बेटे को लंदन की इंटरनेशनल पेट्रोलियम कंपनी में नौकरी दिलाने और सोने का व्यापार कराने की बात कहीं। बातों में आकर वह बेटे को विदेश भेजने के लिए वर्ष 2017 से 2022 तक अलग-अलग ऑनलाइन माध्यम से आरोपी को रुपये भेजते रहे। काफी समय बाद भी जब आरोपी ने उनके बेटे को न तो विदेश भेजा और न ही सोने का व्यापार कराया। इसपर उन्हें ठगी होने का अहसास हुआ, लेकिन तब तक आरोपी उनसे एक करोड़ 85 लाख रुपये ले चुका था। इसके बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए एसटीएफ एसएसपी आयुष अग्रवाल ने साइबर क्राइम की एक टीम को मामले का खुलासा करने के निर्देश दिए। साइबर क्राइम थाना प्रभारी ललित मोहन जोशी ने बताया कि टीम ने आधुनिक तकनीक का सहारा लेकर मुख्य आरोपी की पहचान की। शानिवार देर रात गोविंदपुरी जिला साउथ ईस्ट दिल्ली स्थित तुगलकाबाद से आरोपी नाइजीरिया के नागरिक को गिरफ्तार कर लिया गया। उसने अपना नाम ओबे फिलिप चैकयूबी बताया। साथ ही पुलिस टीम ने आरोपी के कमरे से ठगी में इस्तेमाल मोबाइल, लैपटॉप व ईमेल आईडी बरामद कर आरोपी को जेल भेज दिया।
आरोपी ऐसे देता था ठगी को अंजाम: साइबर सेल से मिली जानकारी के अनुसार, आरोपी नाइजीरिया का नागरिक युवक-युवतियों के नाम से अलग-अलग फेसबुक अकाउंट बनाता था। इसके बाद फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर लोगों से बात करता था। साथ ही अपने फेसबुक, ईमेल समेत अन्य सोशल मीडिया अकाउंट पर समय-समय पर विदेश भेजने व नए-नए बिजनेस के फोटो आदि जानकारी अपडेट करता रहता था। इससे लोग आरोपी को बड़ा व्यक्ति समझ उसके झांसे में आ जाते थे। इसके बाद आरोपी लोगों को विदेश भेजने और नए-नए व्यापार में भागीदारी करने को कहकर ठगी करता था।