December 28, 2024

डिलीवरी के बाद अपनी डाइट में शामिल करें ये 10 आहार, शरीर को मिलेगी ताकत

Cute little baby in the arms of her mother in their kitchen.


मां बनना किसी भी स्त्री के लिए किसी दूसरे जन्म से कम नहीं है। बच्चे को जन्म देना महिला के लिए एक ऐसा अनुभव होता है जिसे केवल महिला ही महसूस कर सकती है। महिलाओं के लिए डिलीवरी के बाद का समय काफी महत्वपूर्ण होता है। डिलीवरी के बाद महिला का शरीर बहुत ज्यादा कमजोर हो जाता है। क्योंकि लगातार ब्लीडिंग, पेट पर लगे टाँके, बॉडी में दर्द के कारण महिला बहुत ज्यादा दिक्कत का अनुभव करती है। इसलिए डिलीवरी के बाद महिलाओं को डाइट का विशेष ध्यान रखना चाहिए। आहार के जरिए ही महिला का शरीर जल्दी रिकवर होता है और उसकी कमजोरी भी दूर होती है। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे आहार के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जिन्हें डाइट में शामिल कर शरीर को ताकत दी जा सकती हैं। आइये जानते हैं इन आहार के बारे में…
अखरोट
अखरोट में एंटीऑक्सिडेंट, प्रोटीन, ओमेगा-3 फैटी एसिड का एक बड़ा स्रोत होता हैं, साथ ही अखरोट हृदय और मस्तिष्क के लिए भी सेहतमंद माना जाता हैं। एक नई माँ के लिए अखरोट खाना सबसे अच्छे प्रकार के नट्स में से एक हैं। अखरोट को रातभर भिगोकर रख दें और सुबह उठकर खाएं। यह काफी फायदेमंद होता है। सुबह खाली पेट भीगे हुए अखरोट खाने से आप कई बीमारियों से बच सकती हैं।
देसी घी
प्रसव के बाद देसी घी का सेवन भी महिला के लिए बहुत फायदेमंद होता है। क्योंकि देसी घी पोषक तत्वों से भरपूर होता है। महिला रोटी पर लगाकर, हलवा बनाकर, सब्जियों में डालकर व् अन्य तरीको से घी का सेवन कर सकती है। नोर्मल डिलीवरी तुरंत बाद से ही महिला घी का सेवन शुरू कर सकती है लेकिन सिजेरियन डिलीवरी होने पर और नोर्मल डिलीवरी के दौरान टाँके आने पर महिला को एक बार डॉक्टर से राय लेने के बाद ही घी का सेवन शुरू करना चाहिए।
खसखस के लड्डू
डिलीवरी के बाद शरीर में दर्द और सूजन की शिकायत रहती है तो आप खसखस का लड्डू घर में बनाकर खाएं। इसके सेवन से भी मांसपेशियों का दर्द दूर होता है और शरीर को तुरंत एनर्जी मिलती है। डिलीवरी के बाद खसखस के लड्डू, खसखस का सूप, खसखस का हलवा या इसे दूसरी चीजों में मिलाकर भी सेवन किया जा सकता है।
ओट्स
प्रसव के बाद अगर आप अपनी डाइट में ऐसी चीजों को सेवन करना चाहती हैं, जो एनर्जी बूस्ट करे, तो ऐसे में आप ओट्स को अपने आहार का हिस्सा अवश्य बनाएं। आप इसे नाश्ते में खा सकती हैं। ओट्स जैसे होल ग्रेन फूड धीमी गति से रिलीज होने वाले कार्ब्स होते हैं, जो आपकी ऊर्जा के स्तर को स्थिर रखते हैं। इतना ही नहीं, ओट्स में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं और यह शरीर में आवश्यक आयरन के स्तर को बनाए रखने में मददगार है। साथ ही, ओट्स आयरन, कैल्शियम और मैग्नीशियम से भी भरपूर होते हैं।
गोंद के लड्डू
यह मां के लिए बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है। इन दिनों मां अंदर से कमजोरी होती है। गोंद के लड्डू मां को ताकत देते हैं। इसके साथ ही मां को स्तनपान कराना होता है। गोंद के लड्डू खाने से मां का दूध बढ़ता है, जिससे बच्चे को दूध की कमी नहीं होती है। आप रोजाना एक लड्डू दूध के साथ खाएं।
सेब
ये फल 12 महीने बाज़ार में उपलब्ध रहता है। ऐसे में अगर आप बहुत कमज़ोरी महसूस कर रही हैं, तो आपको तुरंत सेब खाना चाहिए। सेब खाने से शरीर में तुरंत ऊर्जा आती है। इसके अलावा, इसमें पर्याप्त एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं। जो आपको कई और बीमारियों से बचाने का काम भी करता है। इसके साथ ही, यह आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
सौंफ का पानी
प्रसव के बाद डाइजेशन की समस्या रहती है और पेट में गैस बनना, कब्ज जैसी समस्या हो सकती है। पेट में जलन आदि भी रहती है। ऐसे में अगर रोज एक गिलास पानी में 1 चम्मच सौंफ को उबालकर इसे पिया जाए तो काफी राहत रहती है।
हरिरा
हर क्षेत्र में इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है। यह

ड्राई फ्रूट्स, अदरक और आटे जैसी चीजें मिलाकर बनाया जाता है। इसे गर्म-गर्म खाया जाता है। डिलीवरी के बाद सवा महीने इसे जरूर खाना चाहिए। यह मां को रिकवर करने में मदद करता है। इसके सेवन से मां का दूध अच्छा आता है और बच्चे के स्वास्थ्य के लिए भी यह काफी लाभकारी होता है।
अजवाइन का पराठा
डिलीवरी के बाद अजवाइन खाने से पेट की समस्या दूर रहती है और दर्द कम होता है। इसमें हीलिंग प्रॉपर्टीज होती हैं जो शरीर को अंदर से हील करने में मदद करती है। इसके अलावा गेंहू के आटे और अजवाइन में खूब फाइबर होता है जो पाचनक्रिया दुरुस्त रखने का काम भी करता है।
मूंग-मसूर की दाल
छिलके वाली मसूर की दाल स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होती है। खासकर डिलीवरी के बाद महिला को यह जरूर खानी चाहिए, क्योंकि यह आसानी से पच जाती है। इसमें फाइबर होता है, जो कि मां को कब्ज होने से बचाए रखता है। इसे खाने से न तो मां को दिक्कत होती और न ही शिशु को कोई परेशानी होती है। इसके विपरीत यह दाल खाने से मां का दूध बनता है, जो बच्चे के लिए लाभकारी है।