तुंगनाथ के कपाट 26 अप्रैल और मद्महेश्वर के 22 मई को खुलेंगे
रुद्रप्रयाग। बैसाखी के पावन पर्व पर द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर और तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट खोलने की तिथि घोषित कर ली गई है। मद्महेश्वर मंदिर के कपाट 22 मई और तुंगनाथ मन्दिर के कपाट 26 अप्रैल को तीर्थयात्रियों के दर्शनार्थ खोले जाएंगे। इधर, बैसाखी पर भक्तों ने ओंकारेश्वर मंदिर में भगवान मदमहेश्वर के पुष्परथ के भव्य दर्शन किए। पूर्व परम्परानुसार पंचाग गणना के आधार पर ओंकारेश्वर मंदिर में भगवान मद्महेश्वर धाम के कपाट खोलने की तिथि तय की गई। मद्महेश्वर भगवान की डोली 18 मई को गर्भगृह से मंदिर परिसर में लाई जाएगी। इसी दिन स्थानीय लोगों द्वारा नए अनाज का भोग लगाया जाएगा। 19 मई को सभामण्डप में विश्राम के बाद 20 को ओंकारेश्वर मन्दिर से डोली राकेश्वरी मन्दिर रांसी पहुंचेगी। 21 को रांसी से गोंडार, 22 को गोंडार से मदमहेश्वर धाम में पहुंचेगी, जहां पर मृगशिखा लग्न में मंदिर के कपाट खोले जाएंगे। वहीं भगवान तुंगनाथ की डोली 24 अप्रैल को गर्भगृह से मंदिर परिसर में आएगी जबकि इसके बाद स्थानीय लोगों द्वारा नए अनाज का भोग लगाया जाएगा।
डोली भूतनाथ मंदिर में रात्रि विश्राम करेगी। 25 को भूतनाथ मंदिर से चोपता, 26 को डोली चोपता से तुंगनाथ के लिए प्रस्थान जिसके बाद दोपहर 11 बजे मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे। इस मौके पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय, महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष आशा नौटियाल, केदारसभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, मठापति रामप्रसाद मैठाणी, जयंती प्रसाद कुर्मांचली, ईओ रमेशचंद्र तिवारी, पूर्व प्रमुख लक्ष्मी प्रसाद भट्ट, पुजारी शिवशंकर लिंग, वागेशलिंग, शिवलिंग लिंग, अर्जुन रावत, पूर्व क्षेपंस शिवानन्द पंवार, प्रधान वीर सिंह पंवार, मदन पंवार आदि मौजूद थे।
पुष्परथ में विराजमान भोगमूर्ति के भक्तों ने किए दर्शन
ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में पूर्व परम्परानुसार दोपहर सवा दो बजे मंदिर में मद्महेश्वर भगवान की भोगमूर्ति को पुष्परथ में विराजमान किया गया। जिसके बाद मन्दिर की पांच परिक्रमा की गई। वहीं स्थानीय लोगों ने जौ, फूल, अक्षत से भगवान का स्वागत करते हुए सुख एवं समृद्धि की कामना की।