September 8, 2024

अतिक्रमण विरोधी अभियान के खिलाफ हरीश रावत ने किया उपवास


देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अतिक्रमण विरोधी अभियान के खिलाफ विरोध दर्ज करने के लिए शनिवार को गांधी पार्क में उपवास किया। उपवास के बाद रावत ने आरोप लगाया कि सरकार अतिक्रमण के नाम पर आंतक पैदा कर रही है। मीडिया कर्मियों से बातचीत में हरीश रावत ने कहा कि अतिक्रमण हटाने के नाम पर की जा रही कार्रवाई से राज्य के हजारों लोगों के आवास और आजीविका के साधन छीन चुके हैं। इसी तरह सरकार मकैंजी ग्लोबल कंपनी की सलाह पर कहीं ट्विन सिटी तो कहीं इंटीग्रेटेड सिटी बसाने के लिए किसानों की जमीन लेने पर तुली हुई है। रावत ने कहा कहा कि अतिक्रमण विरोधी अभियान की मार मुख्य रूप से छोटे कारोबारियों, स्वरोजगार पर लगे हुए युवाओं पर पड़ी है। इसी तरह पर्वतीय क्षेत्रों में बेनाप भूमि पर बसे लोगों के घर, छानी, खर्क, गोट को उजाड़ा जा रहा है। कुछ जगहों पर वन पंचायतों में कई पीढ़ियों से काम कर अनुसूचित जाति के परिवारों को भी बेदखल किया जा रहा है। रावत ने कहा कि यदि कहीं पर कोर्ट से इस तरह आदेश आया भी है तो, सरकार को इसका व्यावहारिक समाधान निकालना चाहिए था। उन्होंने कहा कि प्रदेश में दलितों पर अत्याचार भी बढ़ गया है, बेलड़ा कांड इसका उदाहरण है। उपवास में शामिल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि वर्ष 1962 के बाद से प्रदेश में भूमि की बंदोबस्ती नहीं हुई है। इसके कारण राज्य के अनेक क्षेत्रों विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि भूमि एवं आवासीय भूमि आज भी बेनाप है, पर्वतीय क्षेत्र की 80 प्रतिशत से अधिक आबादी के आवासीय मकान, गौशाला (छानी), खर्क, गोठ इसी जमीन पर बसे हैं, इन लोगों को सरकार तंग कर रही है। इस अवसर पर पूर्व मंत्री नवप्रभात, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार, उपाध्यक्ष प्रशाशन मथुरा दत्त जोशी, महानगर अध्यक्ष डॉक्टर जसविंदर सिंह गोगी, एसएस रजवार, प्रवक्ता गरिमा दसौनी, शीशपाल बिष्ट, ओम प्रकाश सती बब्बन, वीरेंद्र पोखरियाल, विकास नेगी,महेंद्र नेगी गुरुजी, सुनील जायसवाल, विनोद चौहान, राजकुमार जायसवाल, लक्ष्मी अग्रवाल, मनीष नागपाल, संजय थापा, मानवेन्द्र सिंह, लखपत बुटोला, महावीर सिंह रावत उपस्थित रहे।