July 27, 2024

महंगे सफर के लिए  रहें  तैयार यात्री


देहरादून ।  उत्तराखंड में सफर करने के लिए यात्रियों को अब अधिक रुपये चुकाने होंगे। कॉमर्शियल वाहनों के टैक्स में 10 फीसदी तक इजाफे के साथ यात्री किराये में बढ़ोतरी होगी। इसका सीधा असर किराया और मालभाड़े पर दिखेगा।  सूत्रों के अनुसार, सरकार के फैसले के बाद से परिवहन कारोबारी भी टैक्स वृद्धि के आधार पर किराये की नई दर तय करने लगे हैं। प्राइवेट बस, टैक्सी, मैक्सी, ऑटो-विक्रम वाले किराया बढ़ा सकते हैं। वर्तमान में किराया बढ़ोतरी का फैसला राज्य परिवहन प्राधिकरण के स्तर से होता है।  लेकिन, इसमें दो से चार  साल तक वक्त लगता है। परिवहन कारोबारी किराया वृद्धि को टैक्स वृद्धि के फॉर्मूले के साथ जोड़ने की मांग उठा रहे हैं। पिछले साल एसटीए ने इस पर सहमति देकर सालाना किराया बढ़ोतरी की व्यवस्था पर काम शुरू किया था।
उप-आयुक्त राजीव मेहरा की अध्यक्षता में समिति भी बनाई गई थी। लेकिन, यह समिति अब तक किराया बढ़ोतरी का फॉर्मूला तय नहीं कर पाई है। माना जा रहा कि वर्ष 2025-26 से टैक्स में पांच प्रतिशत नियमित बढ़ोतरी की व्यवस्था के साथ किराया बढ़ोतरी को इसी क्रम में लागू किया जा सकता है।
ऑटो-विक्रम का टैक्स बढ़ाया, सिटी बसों को छूट बरकरार
देहरादून(आरएनएस)।  सरकार ने सिटी बसों को मोटरयान टैक्स में मिलने वाली शत-प्रतिशत छूट बरकरार रखी है। जबकि, ऑटो और विक्रम के टैक्स में बढ़ोतरी की गई।उत्तराखंड में नगर निगम या नगर पालिका की सीमा के भीतर या उप नगरीय क्षेत्रों में चलने वाली सिटी बस (मंजिली गाड़ी) को टैक्स में शत-प्रतिशत छूट मिलती है। इस बार भी इस छूट को बरकरार रखा गया। इससे मंजिली गाड़ी यानी सिटी बस और मैजिक स्वामियों को लाभ मिलेगा। क्योंकि, मैजिक को भी हाल ही में मंजिली गाड़ी की श्रेणी में रखा गया। लेकिन, ऑटो और विक्रम का टैक्स

बढ़ाया गया है। ऑटो का तिमाही टैक्स अब तक प्रति सीट 230 रुपये था, जिसे बढ़ाकर 255 रुपये कर दिया गया है।  
विक्रम का तिमाही टैक्स प्रति सीट 280 रुपये से बढ़ाकर 310 रुपये किया गया। अकेले, देहरादून में करीब 2300 ऑटो-रिक्शा और 500 से ज्यादा विक्रम चल रहे हैं। विकासनगर, डोईवाला, ऋषिकेश, हरिद्वार, रुड़की के साथ कुमाऊं के शहरी क्षेत्रों में भी ऑटो-विक्रम चलते हैं, जिनको अब ज्यादा टैक्स चुकाना होगा।
मैदान के अलाभकारी रूटों पर टैक्स एक चौथाई होगा
उत्तराखंड में निजी कॉमर्शियल यात्री वाहनों के टैक्स में नौ से 10 फीसदी तक बढ़ोतरी की गई है। 12 सीट से अधिक क्षमता वाली गाड़ी को मासिक तौर पर 125 की जगह 135 रुपये, तिमाही 350 की बजाय 385 रुपये और सालाना 1300 की बजाय 1430 रुपये  देने होंगे।
मंजिली गाड़ियों के लिए हर 1500 किलोमीटर तक की दूरी के लिए मैदानी मार्ग पर मासिक 100 रुपये की जगह 110 रुपये देने होंगे। तिमाही में यह राशि 330 रुपये और सालाना 1210 रुपये हो जाएगी। पहाड़ी रूट पर तीनों श्रेणियों में यह राशि 50% कम रहेगी।

जबकि, उत्तराखंड में चिह्नित अलाभकारी रूट पर मैदानी मार्गों के लिए तय शुल्क का केवल चौथाई भाग ही देना होगा। 1500 किलोमीटर से आगे हर एक किमी के लिए मासिक चार की बजाय पांच पैसे देने होंगे। तिमाही राशि तीन गुना और सालाना ग्यारह गुना हो जाएगी।
इसी प्रकार उत्तराखंड के भीतर 16 किलोमीटर तक की दूरी तक चलने वाले वाहनों को प्रति सीट मासिक 75 की बजाय 85, तिमाही 210 की बजाय 230 और सालाना 775 की बजाय 850 रुपये देने होंगे।
इस तरह बढ़ेगा टैक्स
ड्राइविंग सेंटर-स्कूल वाहन किराये में 10% वृद्धि
ड्राइविंग स्कूलों के वाहनों को प्रत्येक मीट्रिक टन भार के लिए 550 की बजाय 600 और सालाना 2000 की जगह 2200 रुपये देने होंगे। शिक्षण संस्थानों की बस या कैब की प्रत्येक सीट के लिए तिमाही 100 की जगह 110 और सालाना 375 की जगह 410 रुपये चुकाने होंगे। निजी सेवा वाहन की प्रत्येक सीट के लिए तिमाही 175 की जगह 190 और सालाना 600 की जगह 660 रुपये देने होंगे।
दोपहिया-तिपहिया मोटर कैब  पर कर बढ़ा
ड्राइवर को छोड़कर तीन व्यक्तियों तक की क्षमता वाले दोपहिया-तिपहिया को हर तिमाही 230 की बजाय 255 रुपये, सालाना 800 की बजाय 880 और एकमुश्त 7000 की बजाय 7700 रुपये देने होंगे।
इन वाहनों के लिए यह रहेगी टैक्स व्यवस्था
-मोटर कैब-मैक्सी कैब को हर तिमाही प्रति सीट के लिए 500 की बजाय 550 और सालाना 1900 की बजाय 2100 रुपये देने होंगे।
-यात्री और माल ढोने वाले वाहन मसलन यूटिलिटी को हर तिमाही प्रति सीट 600 की बजाय 660 और सालाना 2250 की बजाय 2475 अदा करने होंगे।
-300 कुंतल वजन तक के मालवाहक वाहनों को पूरे वजन तक के लिए प्रति मीट्रिक टन हर तिमाही 270 की बजाय 300 रुपये और सालाना 1000 के स्थान पर 1100 रुपये देने होंगे।
-उत्तराखंड में वाहन चलाने के लिए मान्य दूसरे राज्य अथवा देश के मालवाहक वाहनों को उनके पूर्ण भार के हर मीट्रिक टन के लिए तिमाही 150 की जगह 165 और सालाना 550 की जगह 600 रुपये देने होंगे।