May 17, 2024

रिटर्निंग ऑफिसर ने स्वीकारी बैलेट पेपर से छेड़छाड़ की बात, चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीमकोर्ट में कल फिर होगी सुनवाई


नई दिल्ली । चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला दिया है। अदालत ने कहा है कि रिटर्निंग ऑफिसर ने माना है कि उन्होंने बैलेट पेपर्स से छेड़छाड़ की थी और उनके खिलाफ केस चलना चाहिए। यही नहीं शीर्ष अदालत ने कहा कि बैलेट पेपर्स की वह खुद जांच करेगा। बेंच ने कहा कि इस चुनाव में हॉर्सट्रेडिंग यानी पार्षदों का दलबदल चिंताजनक है। अदालत ने कहा कि रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह ने खुद माना है कि वह गड़बड़ी में शामिल थे और बैलेट पेपर्स से छेड़छाड़ की गई थी। यही नहीं शीर्ष अदालत ने कहा है कि इस मामले में वह मंगलवार को फिर से सुनवाई करेगा।
कोर्ट ने रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह से कहा है कि वह मंगलवार को भी खुद अदालत में आएं और अपना पक्ष रखें। कोर्ट ने कहा कि मंगलवार को हम दोपहर 2 बजे फिर से सुनवाई करेंगे और अनिल मसीह भी मौके पर रहें। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पूछा कि आप यह बताएं कि बैलेट पेपर्स में आपने निशान लगाए थे या नहीं। इस पर मसीह ने कहा कि मैंने बेलेट पेपर्स पर निशान सिर्फ इसलिए लगाए थे ताकि उनकी गिनती करने में आसानी हो। कल सुप्रीम कोर्ट बैलेट पेपर्स को चेक करेगा और उसके बाद यह तय किया जाएगा कि नए सिरे से चुनाव होगा या फिर नहीं।
इस बीच अदालत ने हॉर्स ट्रेडिंग को लेकर भी चिंता जताई। अदालत की इस टिप्पणी को लेकर माना जा रहा है कि उसने आम आदमी पार्टी के तीन विधायकों के भाजपा में जाने पर यह बात कही है। इस तरह सुप्रीम कोर्ट के फैसले से रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। अनिल मसीह का वीडियो भी सुप्रीम कोर्ट ने देखा है और उसके बाद ही उनकी भूमिका पर सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मसीह से यह भी पूछा कि आप आखिर कैमरे की ओर क्यों देख रहे थे। इस पर अनिल मसीह ने कहा कि वहां बहुत शोर हो रहा था और वहां तमाम कैमरे लगे थे। इसलिए मैं उधर देख रहा था।
अदालत में आम आदमी पार्टी के वकील ने कहा कि अदालत बैलेट पेपर्स को चेक कर ले और उनके आधार पर ही फैसला लिया जाए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या बैलेट पेपर्स सुरक्षित हैं। अदालत को जब जानकारी मिली कि बैलेट पेपर्स सुरक्षित हैं तो कोर्ट ने कहा कि हम जांच करेंगे और उसके बाद फैसला करेंगे कि नए सिरे से चुनाव होना है या फिर पुराने बैलेट पेपर्स के आधार पर ही फैसला लिया जाए।