November 21, 2024

मर्चुला हादसा, प्रशासन और सरकार ने की घोर लापरवाही: माहरा


देहरादून ।  प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने अल्मोड़ा के सल्ट तहसील में हुए बस हादसे में मारे गए लोगों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त करते हुए स्थानीय प्रशासन और सरकार पर रेस्क्यू के मामले में लापरवाही का आरोप लगाया है।  प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि सड़क हादसे में 36 लोगों की जान चली गई। दुर्घटना के बाद सरकार की देरी से कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि सुबह सात बजे हुई दुर्घटना के बाद वहां के जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाने के लिए जिलाधिकारी अल्मोड़ा को फोन किया, लेकिन जिलाधिकारी ने डेढ़ घंटे तक किसी का फोन नहीं उठाया। घटनास्थल पर जहां एंबुलेंस को 7:30 बजे के आसपास पहुंच जाना चाहिए था, वहीं सरकारी लापरवाही के चलते एम्बुलेंस नौ बजे घटनास्थल पर पहुंची। इसके बाद घायलों को रामनगर पहुंचाया गया, लेकिन वहां भी पर्याप्त व्यवस्थाएं नहीं थीं।  
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि सरकार घायलों को लाने के लिए चॉपर तो भेजे, लेकिन यदि चॉपर को रामनगर के बजाए घटनास्थल के पास मर्चुला भेजा जाता तो कई लोगों की जान बच सकती थी। उन्होंने कहा कि पहाड़ों में सड़कों की स्थिति इतनी खराब है कि इसी रोड में पिछले दो-तीन सालों में कई बड़े हादसे हो चुके हैं, तब भी सरकार ध्यान नहीं दे रही है। पूर्व अध्यक्ष प्रीतम सिंह, गणेश गादियाल, उपाध्यक्ष संगठन मथुरादत्त जोशी ने भी भी घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है।

मृतकों के परिजनों को मिलें 10-10 लाख रुपये
माहरा ने सरकार से मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये और घायलों को पांच-पांच लाख रुपये की सहायता राशि तुरंत उपलब्ध कराने की सरकार से मांग की है।