January 23, 2025

अल्मोड़ा में कांग्रेस के हिलेंगे पिलर या बचा रहेगा कुनबा? कांग्रेस या भाजपा ,राम जाने!


अल्मोड़ा ।  नगर निगम चुनाव के दिन ज्यों ज्यों पास आ रहे हैं वैसे वैसे प्रत्याशियों के दिलों की धड़कन बढ़ती जा रही है। चुनाव में टिकट के सभी दावेदारों को तो खुश नहीं किया जा सकता। चूँकि टिकट तो एक को ही मिलेगा ऐसे में जिनको टिकट नहीं मिला उनको या उनके समर्थकों में नाराजगी हो ही जाती है। इसके साथ ही कुछ कार्यकर्ताओं की दावेदारी नहीं होने के बावजूद पार्टी प्रत्याशी चयन में रायशुमारी नहीं किए जाने पर भी नाराजगी होती है। ऐसी ही अलग अलग प्रकार की नाराजगियों के बाद शुरू होता है दलबदल का खेल। अल्मोड़ा नगर निगम चुनाव की घोषणा के बाद कांग्रेस में टूट हुई है। हालाँकि कांग्रेस को आप का सहारा मिला है जो कि डूबते को तिनके का सहारा के समान है। लेकिन तिनकों से नैया पार नहीं होती। आप पार्टी खुद तो प्रत्याशी नहीं उतार पाई और ना ही जिला कार्यकारिणी बची है जो थे भी वे कांग्रेस में चले गए। मुकाबले में तीसरे निर्दलीय प्रत्याशी ने कांग्रेस से बगावत कर परचा जरूर भरा है लेकिन नाम वापसी नहीं की और मनमुटाव मिटाते हुए कांग्रेस प्रत्याशी को समर्थन दे दिया। इसके साथ ही रविवार को कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेता भाजपा में चले गए जिसके बाद खीझ में कांग्रेस नेताओं ने कहा कि पार्टी छोड़ के जाने वाले नेताओं का कोई अस्तित्व नहीं था। यदि अस्तित्व नहीं था तो पार्टी में पद क्यों दिए गए थे। इसके बाद अगर सूत्रों की मानें तो अल्मोड़ा कांग्रेस में अभी भूचाल आने बाकी हैं। बताया जा रहा है अभी कांग्रेस के कुछ और नेता, कार्यकर्ता पार्टी को त्यागपत्र देने का फाइनल कर चुके हैं और भाजपा में एंट्री की पिच भी तैयार हो चुकी है। अगर ऐसा हुआ तो कांग्रेस को काफी नुकसान होगा। फ़िलहाल कांग्रेस की अंदरूनी रार से भाजपा को फायदा ही हो रहा है। भाजपा का कुनबा कांग्रेस से भर रहा है। आज भाजपा कांग्रेस मय बन चुकी हैं।

भाजपाई भी कह रहे हैं कि हमारा परिवार बढ़ रहा है और अभी आगे और बढ़ेगा।