November 22, 2024

एमबीबीएस की फीस अब तक तय नहीं, फिर बवाल की आशंका

देहरादून,  ( आखरीआंख )  उत्तराखंड में बीते 2-3 साल में एमबीबीएस की फीस को लेकर राज्य में जमकर विवाद हुआ है। मामला अदालत तक भी पहुंचा और नेशनल मीडिया में भी गूंजा और सरकार की जमकर किरकिरी भी हुई, इसके बावजूद हैरानी की बात है कि अब तक फीस तय नहीं हो पाई है। चिकित्सा शिक्षा विभाग इसे उच्च शिक्षा विभाग का काम बता रहा है।
साल 2017 रहा हो या 2018 एमबीबीएस फीस तय न होने से उत्तराखंड में जमकर बवाल हुआ है। देश भर से आए ज्यादातर स्टूडेंट्स को एडमिशन के लिए परेशान होना पड़ा लेकिन सरकार की किरकिरी कराने वाले अधिकारियों ने एक साल बाद भी सबक नहीं सीखा। एक बार एडमिशन का समय करीब आ गया है लेकिन फीस तय नहीं हो पाई है। इस बारे में पूछे जाने पर चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इसे उच्च शिक्षा के पाले में फेंक दिया। चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव नितेश झा इस बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि फीस निर्धारण के लिए जो समिति बनी है उच्च शिक्षा विभाग उसका नोडल विभाग है। इसलिए इस मामले में उसे ही पहल करनी होगी। झा ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा विभाग का काम है कि एडमिशन से पहले स्टूडेंट्स को फीस के बारे में जानकारी दे दी जाए और इसके लिए विभाग ने उच्च शिक्षा विभाग से जल्द से जल्द फीस तय करने का आग्रह किया है। मेडिकल कोर्स की फीस को लेकर गेंद एक-दूसरे के पाले में फेंकने का काम सालों से चल रहा है। मेडिकल पैरेंट्स एसोसिएशन के संरक्षक रवींद्र जुगरान पूछते हैं कि सरकार समय पर क्यों नहीं जागती। वह कहते हैं कि जब पहले भी बवाल हुआ है तो सरकार को तुरंत फीस कमेटी का गठन करने और सुप्रीम कोर्ट के मानकों के अनुसार फीस तय करने में दिक्कत क्या है। उत्तराखंड को मेडिकल और हायर एजुकेशन में आगे बढ़ाने का दावा मंत्री भी करते हैं और अधिकारी भी। लेकिन हकीकत के धरातल पर कोई काम होता नजर नहीं आता, जिसका नतीजा यह है कि एमबीबीएस जैसे कोर्स के एडमिशन के लिए कॉलेज से पहले स्टूडेंट्स को कोर्ट जाना पड़ता है।