निशंक व तीरथ के राजनैतिक कैरियर के लिए चुनाव महत्वपूर्ण
बागेश्वर ( आखरीआंख ) लोकसभा चुनाव पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत के लिए वापसी का मौका लेकर आया है। दोनों नेता अगर चुनाव जीत जाते हैं, तो निशंक की प्रदेश की मेनस्ट्रीम राजनीति में वापसी हो जाएगी तथा तीरथ सक्रिय राजनीति में वापस लौट आएंगे।
2017 के विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश भाजपा की राजनीति तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों के इर्द-गिर्द घूमती रही है। 2017 में भाजपा सरकार आई, तो पार्टी ने तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों भुवनचंद्र खंडूड़ी, भगत सिंह कोश्यारी और रमेश पोखरियाल निशंक को दरकिनार कर त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री का ताज सौंपा।
तब माना गया कि इन तीनों को प्रदेश की राजनीति से दूर किया गया है। मौजूदा लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इनमें से केवल निशंक को रिपीट किया है। केंद्रीय नेतृत्व के इस भरोसे पर कयास लगाए जा रहे हैं कि निशंक भविष्य में प्रदेश की मेनस्ट्रीम राजनीति में वापसी कर सकते हैं। पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष रहे तीरथ सिंह रावत का 2017 के विधानसभा चुनाव में अप्रत्याशित तौर पर टिकट कट गया था। बाद में पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय सचिव बनाया और अब लोकसभा का टिकट दिया है। अगर तीरथ यह जंग जीत लेते हैं, तो उनकी सक्रिय राजनीति में फिर से वापसी हो जाएगी। लेकिन इस चुनाव में हार उनके राजनीतिक करियर के लिए काफी घातक साबित हो सकती है।