September 22, 2024

व्यक्ति की वाणी और आचरण में भारी अन्तर दिखाई देताः विजय कौशल महाराज

हरिद्वार,  ( आखरीआंख )  मंगलमय परिवार हरिद्वार द्वारा हिन्दू नव वर्ष के शुभारम्भ पर आयोजित कार्यक्रम में कथावाचक पूज्य संत  विजय कौशल महाराज ने कहा कि भजन हम सैद्धान्तिक कानों से सुनते हैं जो हमारे ह्रदय में बैठ जाता है और जैसा हम होठों से बोलते हैं वैसा ही हमारा ह्रदय हो जाता है यह वैज्ञानिक सिद्धान्त है। मंगलमय परिवार के विषय पर उन्होंने कहा कि हमें शुरूआत परिवार से ही करनी पड़ती है परिवार संस्कारी होगा तो समाज भी संस्कारी होगा।
आज व्यक्ति की वाणी और आचरण में भारी अन्तर दिखाई देता है, आज शिक्षा तो बढ़ी है लेकिन संस्कार घटे हैं, भौतिक उन्नति तो हुई है लेकिन मन छोटे हो गये हैं। उन्होंने मंगलमय परिवार की अवधारणा को बताते हुए कहा कि यह एक विचार है जो समाज में भारतीय संस्कृति के संरक्षण, संवर्धन की दिशा में समाज को जागरूक करेगा। उन्होंने नव संवत् के शुभारम्भ पर सभी से आग्रह किया कि अपने भारतीय संस्कृति के चिन्ह जैसे तिलक, शिखा एवं यज्ञोपवीत सभी को धारण करने चाहिए, यह ही आज भारतीय संस्कृति को बचा सकते हैं। पूर्णिमा और अमावस्या को एक छोटा सा हवन करना चाहिए। भारतीय संस्कृति यज्ञ की संस्कृति है, इस हवन का पूजा या कर्मकाण्ड से कोई सम्बन्ध् नहीं है, इससे शायद आपको स्वर्ग भी नहीं मिलेगा लेकिन इसको करने से घर स्वर्ग जैसा हो जाएगा, ऐसा मेरा विश्वास है और अनुभव भी। पूर्णिमा और अमावस्या का चयन हमने इसलिए किया है कि पूर्णिमा देवताओं का दिन माना गया है और अमावस्या पितरों का दिन, पितरों के आशीर्वाद से घर में संतान और सम्पत्ति आती है और देवताओं के आशीर्वाद से घर के संकट मिटते हैं और घर मंगलमय होता है। जिन घरों में यज्ञ का धुआं उठता हुआ दिखाई देता है, देवताओं और ऋषि-मुनियों की चेतना उसी घर में उतर आती है।  इस मौके पर विमल कुमार डॉॅ. जितेन्द्र सिंह, रमणीक भाई, पवन कुमार, बृजभूषण विद्यार्थी, अनिल गुप्ता, डॉ. विजय पाल सिंह, सारिका शर्मा, संगीता गुप्ता, संदीप कपूर, ललित मिश्रा, पं. बालकृष्ण शास्त्री, डॉ, अलका राठौड़, रूकमणी खरे, डॉ. अश्विनी चैहान, अशोक कुमार गर्ग, श्रवण गुप्ता, निशान्त यादव, रविन्द्र सिंघल, गंगा सरन मददगार, प्रदीप कालरा, कैलाश सहित मंगलमय परिवार के सदस्यों सहित नगर श्रोताओं ने भजनों का आनंद लिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. हिमांशु पडिंत ने किया। मंगलमय परिवार के सदस्यों द्वारा रुद्राक्ष माला, गङ्गा जली एवं शाल देकर भजन मण्डली का स्वागत किया गया।